
LAC पर गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुए टकराव के बाद भारत सरकार चीन की कंपनियों पर सख्त रुख दिखा रही है। केंद्र सरकार आयत किए जाने वाले कई चीनी प्रोडक्ट्स पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाने पर विचार कर रही है। हालांकि इस संबंध में अभी कोई फाइनल फैसला नहीं लिया गया है। पर, फोकस इसी बात पर है कि गैर-जरूरी प्रोडक्ट्स के आयात में कमी लाई जाए।
BSNL ने चीन के प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद करने का फैसला लिया
इससे पहले रेलवे ने चीन की कंपनी से 471 करोड़ रुपए का करार गुरुवार को रद्द कर दिया। बुधवार को भी भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) ने 4जी संसाधनों को अपग्रेड करने के लिए चीन के प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद करने का फैसला लिया था।
कानपुर,मुगलसराय सेक्शन में सिग्नलिंग और टेलीकम्युनिकेशन का करना था काम
रेलवे ने चीनी कंपनी को दिया सिग्नलिंग और टेलीकम्युनिकेशन का 471 करोड़ का करार रद्द करने का फैसला किया है। रेलवे ने चीन की कंपनी बीजिंग नेशनल रेलवे रिसर्च एंड डिजाइन इंस्टीट्यूट ऑफ सिग्नल एंड कम्युनिकेशन ग्रुप को 2016 में यह कॉन्ट्रैक्ट दिया था।चीन की कंपनी को 471 करोड़ के इस कॉन्ट्रैक्ट के तहत ईस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर के 417 किलोमीटर लंबे कानपुर और मुगलसराय सेक्शन में सिग्नलिंग और टेलीकम्युनिकेशन का काम करना था। रेलवे ने कहा कि इस काम में कंपनी की रफ्तार काफी धीमी है। कंपनी को यह काम 2019 तक पूरा कर लेना था, लेकिन अभी तक केवल 20% काम ही पूरा हो पाया है।
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