पीएम मोदी ने 6 राज्यों के मुख्यमंत्रियों से की समीक्षा बैठक, सीएम नीतीश कुमार ने कहा- फरक्का बराज के गेटों का हो बेहतर संचालन

प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में 6 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ देश में बाढ़ की स्थिति एवं बाढ़ प्रबंधन के लिए वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक हुई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उत्तर बिहार बाढ़ से अभी पूरी तरह प्रभावित है। राज्य में सितंबर माह तक बाढ़ की आशंका बनी हुई रहती है। अभी राज्य के 16 राज्यों के 125 प्रखंडों के 2232 पंचायतों की 74 लाख 20 हजार से ज्यादा की जनसंख्या बाढ़ से प्रभावित है। राहत और बचाव के लिए सभी जरुरी कदम उठाये जा रहे हैं। एनडीआरएफ की 23 और एसडीआरएफ की 17 टीमें लगातार काम कर रही है। 5 लाख 8 हजार लोगों को निष्कमित किया गया है। उन्होंने कहा कि राहत शिविरों में हजार लोगों को रखा गया है और उनके लिए सामुदायिक रसोई केंद्र भी चलाये जा रहे है। जिसकी व्यवस्थाओं का मैने खुद जाकर जायजा लिया है।

शिविर में सोशल डिस्टेंसिंग का भी रखा जा रहा ख्याल

सीएम ने कहा कि राहत शिविरों में कोरोना वायरस को लेकर लोगों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया जा रहा है और उनकी कोरोना संक्रमण की जांच भी करायी जा रही है। 1287 सामुदायिक रसोई केंद्रों पर प्रतिदिन साढ़े लाख से अधिक लोग भोजन कर रहे हैं। उनकी भी कोरोना संक्रमण की जांच करायी जा रही है। उन्होंने कहा कि अभी कुछ ही दिन पहले मैंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का मैंने एरियल सर्वे किया है और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये हैं भविष्य में भी बाढ़ की आशंका बनी हुयी है. उससे निपटने के लिए जरुरी तैयारी करने को कहा गया है। सभी विभाग पूरी तरह से अलर्ट हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि नेपाल में ज्यादा वर्षापात के कारण उत्तर बिहार बाढ़ से प्रभावित होता है। भारत नेपाल समझौते के आधार पर बिहार का जल संसाधन विभाग सीमावर्ती इलाके में बाढ़ प्रबंधन का कार्य करता है। हाल के वर्षों में नेपाल सरकार द्वारा पूरा सहयोग नहीं किया जा रहा है। इस वर्ष भी बांध की मरम्मती और मधुबनी में नो मैन्स लैंड में बने बांध की मरम्मती कार्य में नेपाल सरकार द्वारा सहयोग नहीं किया गया।

गंगा नदी का जल को उपयोग नहीं कर पाता है बिहार

भारत एवं बंगलादेश के बीच गंगा नदी को लेकर किये गये समौते के अनुसार फरक्का बता पर गंगा नदी का जल भाव 1500 क्यूमेक सुनिश्चित करना पड़ता है। जबकि गंगा नदी से बिहार में मात्र 00 क्यूसेक जल प्राप्त होता है। शेष 1100 क्यूमेक जल गंगा नदी में बिहार के क्षेत्र से जाता है। इस प्रकार बिहार में गंगा नदी का जल होते हुये भी राज्य इसका उपयोग नहीं कर पाता है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय नदी जोड़ो परियोजना के लिए 2 लाख हेक्टेयर क्षेत्र लाभान्वित होने का दावा पारित किया गया है इसके तहत बिहार के कोसी-मेची नदी को राष्ट्रीय नदी जोड़ो परियोजना के अंतर्गत शामिल किया जाये, क्योंकि इससे 2 लाख 14 हजार हेक्टेयर क्षेत्र लाभांवित होगा। उन्होंने कहा कि नदी जोड़ने से बाढ ़की संभावना कम होगी और
पानी का लोग ज्यादा उपयोग कर सकेंगे।