मोदी सरकार में भारत और चीन के रिश्तों को लेकर संसदीय परामर्श समिति में विदेश मंत्री एस जयशंकर और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के बीच तीखी बहस हुई। यह बहस चीन के साथ एलएसी पर गतिरोध पर बुलाई गई नियमित बैठक के दौरान हुई। बैठक में राहुल ने मोदी सरकार की विदेश नीति को कटघरे में खड़ा किया।
चीनी खतरों को लेकर ठोस रणनीति बताए
इस बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक घंटे का प्रजेंटेशन दिया। इसके बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि सरकार थकाऊ लिस्ट देने की बजाय चीनी खतरों को लेकर ठोस रणनीति बताए। राहुल गांधी ने कहा कि चीन दुनिया को दो-ध्रुवीय बना रहा है। उनकी बातों का इस बैठक में कांग्रेस नेता शशि थरूर ने भी समर्थन किया। शशि थरूर यूपीए सरकार में विदेश राज्यमंत्री रह चुके हैं।
भारत को बहु-ध्रुवीय महाद्वीप को लेकर भी सोचना होगा
विदेश मंत्री जयशंकर ने जवाब में कहा कि बहुध्रुवीय दुनिया में कोई सीधा और सरल दृष्टिकोण नहीं अपनाया जा सकता। राहुल ने विदेश मंत्री से पूछा, ‘चीन ओल्ड सिल्क रोड को एक लैंड रूट में यूरोप और सीपीईसी के जरिए खाड़ी देशों से जोड़ रहा है। चीन हमें बाइपास कर अप्रासंगिक बना रहा है। भारत इससे मुकाबला करने के लिए क्या कर रहा है?’लेकिन जयशंकर ने कहा कि रूस और जापान के उभार की उपेक्षा नहीं की जा सकती। जयशंकर ने कहा कि भारत बहु-ध्रुवीय दुनिया के लिए जो कुछ भी कर सकता है, करेगा। विदेश मंत्री ने कहा कि भारत को बहु-ध्रुवीय महाद्वीप को लेकर भी सोचना होगा
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