बिहार में अनलॉक को लेकर विपक्ष हुआ हमलावर, कांग्रेस- राजद ने कहा लॉकडाउन ग्रामीण इलाके में कभी भी नहीं रहा सफल, बिहार में नहीं है नाईट कल्चर, विपक्ष से राय नहीं मांगी

बिहार में कोरोना की दूसरी लहर के संक्रमण की दर में कमी दर्ज की जा रही है। सूबे में कोरोना पर अंकुश लगाने के लिए लगाया गया लॉकडाउन को समाप्त करने की घोषणा कर दी गई है। साथ ही सूबे में नाईट कर्फ्यू को जारी रखने का आदेश दिया है। लेकिन, अब इसके बाद बिहार में राजनीति शुरू हो गयी है। दरअसल, बिहार के विपक्ष को नीतीश कुमार पर हमला बोल रहे हैं, उन्हें यह फैसला पसंद नहीं आया है।

बिहार में नहीं है नाईट कल्चर, विपक्ष से राय नहीं मांगी

इसे लेकर विपक्ष ने हमला बोला है। दरअसल, इस मामले में राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि, बिहार जैसे राज्य में नाईट कर्फ्यू लगाना समझ के परे हैं।

आगे उन्होंने कहा कि, कोरोना का संक्रमण दर घटता जा रहा है लेकिन फिर भी एहतियात के तौर पर सतर्कता और सावधानी जरूरी है। बिहार सरकार ने आज लॉकडाउन हटाने का निर्णय लिया है लेकिन बिहार में नाईट कर्फ्यू रहेगा। बिहार में नाईट कल्चर जैसा कोई चीज़ ही नहीं है और नाईट कर्फ्यू के कारण कोरोना का संक्रमण रुकेगा यह हमारी समझ से परे है।

उन्होंने यह भी कहा कि, विपक्षी दलों से भी सरकार ने कोई राय नहीं मांगी थी। नेता प्रतिपक्ष ने जब इस मामले में पहले सलाह दी थी तब सरकार ने माना नहीं लेकिन अब किस विशेषज्ञ की सलाह ले कर यह फैसला लिया गया है यह सरकार जाने। अगर सरकार सच में कोरोना के संक्रमण दर को रोकना चाहती है तो वैक्सीनेशन की प्रक्रिया को बढ़ाई जाए। लोगों को जागरूक किया जाए।

कांग्रेस – लॉकडाउन सूबे के ग्रामीण इलाके में कभी भी नहीं रहा सफल

वहीं बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी, रिसर्च विभाग एवं मैनिफेसटो कमिटी के चेयरमैन आनंद माधव ने एक बयान जारी कर कहा है कि इस दावे के साथ कि संक्रमण दर में कमी आई है , मुख्यमंत्री की अनलॉक की घोषणा कहाँ तक सही है, इसकी असल पोल खुलती हुई ग्रामीण इलाके में दिखती है। एक ओर ग्रामीण इलाकों में जांच की भारी कमी है , वहीं गावों में बड़ी संख्या में लोग कोरोना संक्रमण के लक्षण के साथ बीमार है। वास्तव में नीतीश जी का लगाया हुआ लॉकडाउन सूबे के ग्रामीण इलाके में कभी भी सफल नहीं रहा। अनलॉक से पहले सरकार को इस बिंदु पर धयान केन्द्रित करने की आवश्यकता है। उन्हें ग्रामीणों के बारे में भी सोचना चाहिए । आपदा के समय राजनीति से परे उन्हें विपक्षी दलों से भी राय लेनी चाहिए थी।

आगे उन्होंने कहा कि मैं माननीय मुख्यमंत्री जी को बताना चाहूँगा कि यदि सरकार कोरोना के संक्रमण दर पर सच में अंकुश लगाना चाहती है तो, कागज़ों की जगह धरातल पर काम करे। जनजागरूकता के साथ सार्वभौमिक टीकाकरण की प्रक्रिया को शीघ्रातिशीघ्र लागू करें। लॉक या अनलॉक से बहुत फ़र्क़ नहीं पड़ेगा । कोरोना से लड़ना है तो राज्य के एक एक नागरिक के टीकाकरण की सुनिश्चितता की जाय।