भारतीय रेलवे टिकट बुकिंग के लिए होगी नई व्यवस्था, करना होगा ज़रूरी आधार से पैन को लिंक

रेलवे सुरक्षा बल के डायरेक्टर जनरल अरुण कुमार ने शुक्रवार को यह जानकारी दी है कि आने वाले समय में रेलवे टिकट बुक करने के लिए आपका आधार कार्ड पैन कार्ड से लिंक कराना जरूरी होगा। ऐसा नहीं होने पर IRCTC आपकी टिकट बुक नहीं करेगा। इसके अलावा IRCTC आपसे पासपोर्ट और अन्य पहचान पत्र की जानकारी भी मांग सकता है। यह सारी जांच पड़ताल IRCTC की वेबसाइट पर होगी, जिसके जरिए आप अपना टिकट बुक करते हैं।

उन्होंने प्रेस ब्रीफिंग के दौरान बताया कि इससे पहले दलालों को रोकने के लिए जो भी पहल की गई थी उसमें आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की उपयोग नहीं हुआ था।

जिस कारण ये सभी असफल रहे थे। इसी वजह से टिकट बुक करने वाले दलालों को रोकने के लिए ऑनलाइन कदम उठाए जाने की जरूरत थी।

अरुण कुमार ने कहा “यह भविष्य के लिए हमारा प्लान है। हमें सबसे पहले एक नेटवर्क बनाने की जरूरत है। हमने आधार प्राधिकरण के साथ अपना काम लगभग पूरा कर लिया है। बाकी विभागों के साथ भी यह प्रक्रिया जारी है। जैसे ही पूरा सिस्टम काम करने के लिए तैयार होगा। हम इसका उपयोग करना शुरू कर देंगे। ” कुमार ने बताया कि दलालों के खिलाफ कार्रवाई की यह पहल 2019 में अक्टूबर और नवंबर के महीने में शुरू हुई थी। इसी साल दिसंबर के महीने में अवैध स्फॉटवेयर के खिलाफ भी एक्शन लिया गया था। इसके जरिए मई 2021 तक 14,257 दलाल पकड़े गए हैं और 28.34 करोड़ के टिकट भी जब्त हुए हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि 2018 से मई 2021 तक आरपीएफ ने लगभग 14,257 दलालों को गिरफ्तार किया है और उनके पास से लगभग 28.34 करोड़ रुपये के टिकट जब्त किए गए हैं.

कुमार ने यह भी कहा कि आरपीएफ जल्द ही एक मोबाइल एप्लिकेशन (mobile application) भी ला सकता है, जहां ग्राहक चोरी, उत्पीड़न, अवैध ठहराव आदि की शिकायत दर्ज कर सकेंगे और इसके लिए वे देश के विभिन्न रेलवे स्टेशनों (railway stations) पर निगरानी प्रणाली (surveillance systems) को अपग्रेड करने के लिए काम कर रहे हैं । 2018 से मई 2021 तक कुल 976 बच्चों को तस्करों से बचाया गया है।

महिला यात्रियों (women passengers) की सुरक्षा के लिए, 17 अक्टूबर, 2020 से आरपीएफ द्वारा शुरू की गई ‘मेरी सहेली’ पहल ने लंबी दूरी की ट्रेनों (long distance trains) में अकेले यात्रा करने वाली महिलाओं पर ध्यान केंद्रित किया है।

कुमार ने कहा कि 2019 से 2021 मई तक लगभग 1,29,500 महिला कोचों में यात्रा करने वाले पुरुष यात्रियों को रेलवे अधिनियम (Railway Act ) की धारा 162 के तहत गिरफ्तार किया गया और आरपीएफ द्वारा मुकदमा चलाया गया।

साथ ही आरपीएफ में 10,568 रिक्तियों की भर्ती 2019 में पूरी हुई। भर्ती से पहले आरपीएफ में महिलाओं का प्रतिशत 3% (2312) था, भर्ती के बाद, यह 9% (6242) है. आरपीएफ केंद्रीय बल (central force) है जिसके रैंक में महिलाओं की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा है।

सामान की वसूली पर, अरुण कुमार ने कहा कि 2019 से मई 2021 तक 37.13 करोड़ रुपये के सामान के कुल 22,835 मामलों में सामान उसके मालिक तक पहुंत चुके।

उन्होंने आगे बताया कि रेलवे सुरक्षा बल ने मानव तस्करों के खिलाफ भी कार्रवाई की है। कई गैर सरकारी संगठनों के साथ मिलकर रेलवे पुलिस 2020 तक 132 स्टेशनों में काम कर रही है। सुरक्षा बल ने 2017 से लेकर मई 2021 तक 56,318 बच्चों को रेस्क्यू किया है। वहीं 2018 से लेकर मई 2021 तक 976 बच्चों को तस्करों के चंगुल से छुड़ाया गया है। इसके साथ ही 2019 से लेकर मई 2021 तक 22,835 मामलों में पुलिस ने लोगों की मदद की है। ये लोग अपना सामान ट्रेन में ही भूल गए थे, जिसे पुलिस ने उन तक पहुंचाया है। इस सामान की कुल कीमत 37.17 करोड़ रुपये आंकी गई है।