औरंगजेब-अशोक विवाद में जदयू और भाजपा के बाद अब कूद पड़े जीतन राम मांझी।

बिहार के राजनीति में इन दिनों एक नया विषय चर्चा का मुद्दा बन गया है। चर्चा का नया विषय सम्राट अशोक को बनाया गया है। सम्राट अशोक की तुलना मुगल शासक औरंगजेब से करने वाले लेखक और नाटककार दया प्रकाश सिन्हा से पद्म पुरस्कार सहित अन्य पुरस्कार वापस लेने की जदयू की मांग को भाजपा नेताओं द्वारा दरकिनार करने पर बिहार की राजनीती गर्मायी दिख रही है। जदयू के मुख्य प्रवक्ता और पूर्व मंत्री नीरज कुमार ने भाजपा नेताओं के रवैये पर कड़ी आपत्ति जताई है।

उन्होंने भाजपा का नाम तो नही लिया लेकिन हालिया घटनाक्रम पर सवाल किया है कि प्रियदर्शी अशोक सम्राट के खिलाफ टिप्पणी करने वाले को केन्द्रीय कला एवं संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार ‘सम्राट अशोक के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार 2021 देती हैं। यह अपमान नहीं तो और क्या है।

वहीं, भाजपा और जदयू की लडाई में अब मांझी भी कूद पड़े हैं। मांझी ने अपने ट्विट में सम्राट अशोक को पिछड़ी जाति से जुड़ा बताया है। उन्होंने अपने ट्विट में लिखा है कि कुछ लोग सम्राट अशोक का अपमान सिर्फ इसलिए कर रहें है कि वह पिछड़ी जाति से थे। ऐसे सामंती लोग नहीं चाहतें हैं कि कोई दलित/ आदिवासी/ पिछडा का बच्चा सत्ता के शीर्ष पर बैठे।

जीतन राम मांझी ने कहा कि वह माननीय राष्ट्रपति से आग्रह करते है कि हमारे शौर्य के प्रतीक सम्राट अशोक पर टिप्पणी करने वालों का पद्म सम्मान वापिस होना चाहिए।

वर्तमान समय में मौर्य वंश को पिछड़ी जाति से जुडा माना जाता है। जबकि चंद्रगुप्त ने जब इस वंश की स्थापना की थी तो उस समय उनकी जाति को लेकर कोई स्पष्ट जानकारी अभी तक नही मिली है।

उधर, नीरज कुमार ने आज ट्वीट कर इस मुद्दे पर भाजपा नेताओं की चुप्पी को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने दया प्रकाश सिन्हा को हाल के वर्षों में केंद्र सरकार से मिले पुरस्कारों का विवरण पेश करते हुए लिखा है, अपमान नहीं तो क्या है? पुरस्कार की वापसी की मांग न करना मौन सहमति है। भाजपा अवार्ड वापसी की मांग करें।

यहां बता दें कि, भाजपा से सम्बद्ध लेखक दया प्रकाश सिन्हा ने हाल ही में सम्राट अशोक की तुलना औरंगजेब से की थी। उन्होंने सम्राट अशोक को क्रूर, कामुक, कुरूप बताते हुए कहा था कि इतिहास से सम्राट अशोक के जीवन के स्याह पक्ष की कम चर्चा की गई है।

जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने सिन्हा की टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस प्रकरण में सख्त कार्रवाई की मांग करते हैं। राष्ट्रपति से यह अनुरोध करते हैं कि ऐसे व्यक्ति को मिले पद्मश्री और अन्य पुरस्कार रद्द करें. भाजपा इन्हें निष्कासित करे। सम्राट अशोक बिहार व भारत के अमिट प्रतीक थे और हैं। कोई इससे खिलवाड़ करे यह सच्चे भारतीय कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे इसी प्रकार वरिष्ठ जदय नेता उपेन्ट कशवाहा ने भी

वृहत अखंड भारत के एकमात्र चक्रवर्ती सम्राट प्रियदर्शी अशोक मौर्य का स्वर्णिम काल मानवता व लोकसमता के लिए विश्वभर में जाना जाता है।

अशोक की तुलना औरंगजेब से करने वाले लेखक दया प्रकाश सिन्हा के ऊपर दर्ज हुआ FIR

आपको बता दें इस मामले में भाजपा के द्वारा पटना के कोतवाली थाने में लेखक दया प्रकाश सिन्हा के ऊपर प्राथमिकी दर्ज करवा दी गई है।