दीघा: पति-पत्नी सहित दो अन्य साइबर ठगों को उत्तरप्रदेश पुलिस ने किया पटना से गिरफ्तार, 28.20 लाख रुपए ठगी का है मामला…..

बिहार की राजधानी पटना के दीघा क्षेत्र से साइबर फ्रॉड पति-पत्नी की गिरफ्तारी हुई है जिनपर आरोप है कि कई साल से वह लोगो के साथ साइबर ठगी कर रहे थे। किसी को डीलरशिप के नाम पर तो किसी को फ्रेंचाइजी दिलाने के नाम पर यह पति पत्नी का जोड़ा अब तक करोड़ों रुपये की ठगी कर चुका है। यही नहीं, इस अपराध की मदद से पति-पत्नी ने अच्छी-खासी संपत्ति भी बना ली है। यूपी के जालौन की पुलिस गिरफ्तार पति-पत्नी को ट्रांजिट रिमांड पर अपने साथ ले गयी है।

मिली जानकारी के अनुसार दोनों ने पूछताछ में नालंदा, नवादा और कतरीसराय के कई लोगों के नाम बताये हैं। जो उन्हें सिम, दूसरे के नाम पर खाता और पैसे की निकासी कर देते थे। पति-पत्नी के गिरोह में कई और लोग भी शामिल है। मिली जानकारी के अनुसार पति-पत्नी के खाते से लाखों रुपये मिले हैं, जिसे फ्रीज करा दिया गया है। वहीं, कई जगहों पर जमीन के कागजात भी मिला है। जिसे जब्त कर यूपी पुलिस अपने साथ ले गयी है। आपको बता दें कि यूपी के जलौन की पुलिस ने दीघा थाना क्षेत्र की यादव गली स्थित महेंद्रपुरम अपार्टमेंट के इ-ब्लॉक स्थित फ्लैट नंबर टी-5 से पति अभिमन्यु कुमार और पत्नी पपली कुमारी को गिरफ्तार किया था।

गजब की थी प्लानिंग….
मीडिया को मिली जानकारी के अनुसार इनके पास से दूसरे के नाम पर कई फर्जी सिम मिले हैं। इसके अलावा कई लोगों के पहचान पत्र मिले हैं। जिनके नाम पर ये सिम लेकर उससे ठगी के कारोबार को अंजाम दिया जाता था। बैंको में पैसा आने के बाद उस खाते से पहले कैश निकालते थे और उसके बाद उसे अपने खाते में किस्तों में डालते थे, ताकि किसी को शक न हो। यही नहीं यह लोग ठगी के बाद सिम को बदल देते थे। ताकि उस नंबर से पुलिस को कोई डिटेल न मिल सके, लेकिन पुलिस ने मोबाइल के आइएमइआइ नंबर से इनका लोकेशन निकाल लिया। दोनों ने जलौन के एक बड़े व्यवसायी से ओला कंपनी की डीलरशिप देने के नाम पर 28.20 लाख रुपये की ठगी की थी। मालूम हो कि जलौन पुलिस ने इससे पहले रामकृष्णानगर और बाइपास से दो लोगों को गिरफ्तार किया था।

सूत्रों ने बताया कि पकड़ा गया दंपती कई बड़ी कंपनियों का खुद से विज्ञापन डिजाइन करते थे और उसे सोशल मीडिया पर डालते थे। यही नहीं, उसके कमरे से कई कंपनियों के फर्जी दस्तावेज व स्टांप मिले, जिन्हें वे लोगों को भेज कर झांसा में लेते थे। इसी तरह जलौन के व्यवसायी को ओला कंपनी के पैड पर जीएसटी व पैन नंबर डालकर डीलरशिप का झांसा दिया था।