बिहार में उद्योगों का होने लगा आगमन, दो बड़ी कंपनियों से आया सुनहरा अवसर।

बिहार में टेक्सटाइल के क्षेत्र में निवेश की संभावना बनाने का प्रयास लगातार वर्तमान बिहार सरकार के द्वारा किया जा रहा है। बिहार में उद्योग को स्थापित करने के लिए राज्य उद्योग मंत्री, मुख्यमंत्री सहित आला अधिकारी भी जोर सोर से जुटे हुए हैं। दरअसल इन्वेस्टर्स मीट सह बिहार टेक्सटाइल एंड लेदर पॉलिसी के लोकार्पण समारोह में दो मुख्य कंपनियों रूपा और टीटी कंपनियों के शीर्ष प्रबंध निदेशक मौजूद रहा है। साथ ही इस कंपनी ने बिहार में अपने निवेश के संदर्भ में खुल कर राय व्यक्त की है।

बिहार की विकास दर संतोषजनक

रूपा कंपनी के प्रेसिडेंट विकास अग्रवाल ने बताया कि नीतीश कुमार की सरकार आने के बाद बिहार की विकास दर संतोषजनक बनी हुई है. बिहार की छवि में सकारात्मक सुधार हुआ है. लॉ एंड ऑर्डर में अच्छा हुआ है. इसलिए निवेश की संभावनाएं बन रही हैं. उद्योग के एजेंडे को यहां अच्छी तरह से उठाया जा रहा है. बिहार सरकार की टेक्सटाइल और लेदर पॉलिसी देश की बेहतर पॉलिसी में एक है. इस पॉलिसी का फायदा उठाकर हम इसका हिस्सा बनेंगे.

पायलट प्रोजेक्ट के रूप में निवेश

टीटी लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर संजय कुमार जैन ने बताया कि मैं यहां एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में निवेश करने जा रहा हूं. बिहार में ही माल बनायेंगे. बिहार की सबसे बड़ी ताकत यहां के कुशल श्रमिक हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि यहां इसेंटिव समय पर दिया जाता है. यह बड़ी बात है. कानून व्यवस्था भी सुधरी है. देश भर में सबसे ज्यादा कुशल मजदूर बिहार के हैं. मैं चाहूंगा कि यहां का मजदूर यहीं काम करे.

जल्दी ही निवेश कर सकते हैं

काउंसिल ऑफ लेदर एक्सपोर्ट इंडिया के चेयरमैन संजय लेखा ने हम यहां जल्दी ही निवेश कर सकते हैं. यहां की स्किल लेबर जबरदस्त है. चमड़ा उद्योग स्थापित करने में यहां हर तरह की अनुकूलता है. बिहार की औद्योगिक शक्ल बदलने जा रही है.

बिहार में निवेश करने का सबसे बड़ा फायदा

बिहार में निवेश करने से सबसे बड़ा फायदा यहां से जुड़ा बाजार है. 54 करोड़ से अधिक आबादी बिहार के आसपास के राज्यों और देश और नेपाल तक है. पॉलिसी के लोकार्पण के बाद स्थानीय निवेशकों के लिए एक तकनीकी सत्र भी रखा गया था.