कोरोना महामारी के कारण देश भर में पिछले दो महीने से भी अधिक समय से लागू पूर्णबंदी को अब केवल कंटेनमेंट जोन तक सीमित कर इसकी अवधि 30 जून तक बढ़ा दी गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के बारे में जानकारी लेने के बाद जिला अधिकारियों द्वारा कंटेनमेंट जोन तय किया जाएगा। कंटेनमेंट जोन में सिर्फ बेहद जरूरी गतिविधियों की छूट के साथ इन कंटेनमेंट जोन में लोगों की आवाजाही पर सख्ती से रोक रहेगी। कंटेनमेंट जोन में लॉकडाउन नियमों को सख्ती से लागू करने को कहा गया है। कंटेनमेंट जोन में गहराई से कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग होगी। घर-घर जाकर निगरानी की जाएगी। अन्य जरूरी मेडिकल कदम उठाए जाएंगे।
मेडिकल इमर्जेंसी के अलावा किसी व्यक्ति को कंटेनमेंट जोन से बाहर जाने या बाहर से से कंटेनमेंट जोन में जाने की इजाजत नहीं होगी। राज्य बफर और जोन की भी पहचान कर सकते हैं। गृहमंत्रालय ने कहा है कि स्थिति को देखते हुए यदि राज्यों को कंटेनमेंट जोन के बाहर कुछ गतिविधियों पर रोक की आवश्यकता महसूस होती है तो वे ऐसा कर सकेंगे।
कंटेनमेंट जोन से बाहर के क्षेत्रों में विभिन्न गतिविधियों पर पर चौथे चरण में लागू पाबंदियों को चरणबद्ध तरीके से हटाने का निर्णय लिया गया है। केन्द्रीय गृह सचिव ने आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत गठित राष्ट्रीय कार्यकारी समिति के अध्यक्ष की हैसियत से आज इस बारे में एक आदेश जारी किया। आदेश के साथ कंटेनमेंट जोन के लिए विशेष दिशा निर्देश भी जारी किए गए हैं। उल्लेखनीय है कि कोरोना महामारी के कारण देश भर में गत 25 मार्च से पूर्णबंदी लागू है जिसका चौथा चरण 31 मई को समाप्त हो रहा है।
From 01.06.2020
●Within Containment Zones, #Lockdown restrictions to continue till 30.06.2020
●#Unlock1 All activities to be relaxed in phased manner outside containment zones, as per @MoHFW_INDIA guidelines
●States may impose restrictions/prohibit activities as per assessment pic.twitter.com/LDbmvf6Gfa— Spokesperson, Ministry of Home Affairs (@PIBHomeAffairs) May 30, 2020
शर्तों के साथ लोगों के मूवमेंट पर अब रोक नहीं
- गृह मंत्रालय के नए दिशानिर्देश के मुताबिक, अब एक से दूसरे राज्य में जाने के लिए कोई पाबंदी नहीं होगी। न ही किसी तरह के ई पास की जरूरत होगी। हालांकि सोशल डिस्टेंसिंग और कंटेनमेंट जोन वाली पाबंदी का ख्याल रखा जाएगा।
- हालांकि, यदि कोई राज्य पब्लिक हेल्थ और उसके असर के कारणों के आधार पर लोगों के मूवमेंट को कंट्रोल करने का प्रस्ताव रखता है तो उसे इस तरह के मूवमेंट से जुड़े प्रतिबंधों के बारे में पहले बड़े पैमाने पर प्रचार करना होगा और जरूरी प्रक्रियाओं को अमल में लाना होगा।
पूरे देश में रात 9 बजे से सुबह 5 बजे के बीच नाइट कर्फ्यू
केंद्र के ताज़ा दिशा-निर्देशों के तहत अब देशभर में रात 9 बजे से सुबह 5 बजे तक नाइट कर्फ्यू लागू रहेगा, जो पहले शाम 7 से सुबह 7 बजे तक था। हालांकि, आवश्यक गतिविधियों के मामले में यह लागू नहीं होगा। इस पर सख्ती से पाबंदी रहेगी। स्थानीय प्रशासन अपने अधिकार क्षेत्र में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत प्रतिबंधों को लागू कर सकेंगे। दरअसल, केंद्र ने कंटेनमेंट ज़ोन के बाहर कई गतिविधियों को चरणबद्ध तरीके से शुरू करने की अनुमति दी है।
बफर जोन
राज्य सरकारें कंटेनमेंट जोन के बाहर बफर जोन की पहचान भी कर सकेंगी। ये ऐसे इलाके होंगे, जहां नए मामले आने का खतरा ज्यादा है। बफर जोन के अंदर भी प्रतिबंधों को जारी रखा जा सकता है। अपने क्षेत्रों में हालात का जायजा लेने के बाद राज्य सरकारें कंटेनमेंट जोन के बाहर कुछ गतिविधियों को बैन कर सकती हैं या जरूरी लगने पर प्रतिबंधों को लागू कर सकती हैं।
ट्रेनों, उड़ानों से आवाजाही
- यात्री ट्रेन, श्रमिक स्पेशल ट्रेन, घरेलु उड़ान, इंटरनेशनल फ्लाइट्स, यात्रियों को देश विदेश लाने ले जाने के लिए सभी विशेष इंतजाम के लिए केंद्र सरकार द्वारा जारी पुराना नियम ही पालन करना होगा।
- कोई राज्य पड़ोसी देशों के साथ संधियों के तहत क्रॉस लैंड बॉर्डर कारोबार के लिए किसी भी प्रकार के सामान/कार्गो की आवाजाही नहीं रोकेगा।
इन लोगों का करें बचाव
65 साल से ज्यादा और 10 साल से कम उम्र का कोई भी व्यक्ति, गर्भवती महिलाएं अभी भी पूरी एहतियात के साथ घर पर ही रहें। खैर जरूरी स्वास्थ्य चेकअप और सेवाओं के लिए उन्हें घर से निकलने की इजाजत होगी लेकिन पूरी सावधानियों के साथ घर पर रहने की सलाह दी जाती है।
आरोग्य सेतु ऐप
- गाइडलाइन के मुताबिक, दफ्तरों और कामकाज की जगहों पर सुरक्षा के लिए इम्प्लॉयर की यह ‘श्रेष्ठ कोशिशें’ रहनी चाहिए कि सभी कर्मचारियों के मोबाइल फोन में आरोग्य सेतु ऐप इंस्टॉल हो।
- लोगों को इस पर अपना हेल्थ स्टेटस अपडेट करना होगा। इससे उन लोगों को फौरन मदद मिल सकेगी, जिन्हें संक्रमण होने का खतरा है।
- जिला प्रशासन स्थानीय स्तर पर आरोग्य सेतु ऐप को अपने मोबाइल में इंस्टॉल करने की सलाह देगा।
गाइडलाइन का सख्ती से पालन करना होगा
- राज्य और केंद्र शासित सरकारें गाइडलाइन में किसी भी स्थिति में ढील नहीं देंगी, क्योंकि ये डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 के तहत जारी की गई है। सभी जिला मजिस्ट्रेट गाइडलाइन का कड़ाई से पालन कराएंगे।
- अगर कोई केंद्र सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 की धारा 51 से 60 और आईपीसी की धारा 188 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
ये करना होगा ज़रूरी, नहीं तो हो सकता है जुर्माना
मास्क लगाना: कार्यस्थल और ट्रांसपोर्ट के दौरान सार्वजनिक स्थान पर फेस कवर पहनना ज़रूरी है।
सोशल डिस्टेन्सिंग : व्यक्ति को सार्वजनिक स्थानों पर न्यूनतम छह फीट की दूरी बनाए रखनी चाहिए।
दुकान ग्राहक के बीच फिजिकल दूरी सुनिश्चित करना अनिवार्य होने साथही दूकान में एक समय में 5 से अधिक लोगों को अनुमति नहीं दी गई है।
मौजूदा नियम के अनुसार अगले आदेश तक बड़ा जमावड़ा एवं कोई भी जन सभा प्रतिबंधित हैं।
विवाह समारोह में 50 और अंतिम संस्कार 20 से अधिक लोग नहीं हो सकेगें शामिल
बतादें कि सार्वजनिक स्थान पर थूकना जुर्माने के साथ दंडनीय होगा, लेकिन इसके लिए राज्य / केंद्रशासित प्रदेश प्राधिकरण द्वारा अपने कानून नियम या विनियमन के अनुसार निर्धारित कर सकते है। गौरतलब है कि सार्वजनिक क्षेत्र में शराब का सेवन गुटखा तंबाकू आदि के सेवन पर प्रतिबंध है।
कार्यस्थल के लिए अतिरिक्त निर्देश
घर से काम (WORK from Home): जहाँ तक हो सके घर से काम करने की प्रथा का पालन करना चाहिए।
काम के घंटे/ बिज़नस ऑवर: कार्यालय कार्यस्थलों की दुकानों के बाजार और औद्योगिक और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों का अनुसरण करेगे।
स्क्रीन और स्वच्छता: वर्क प्लेस के सभी प्रवेश और निकास स्थान के साथ कॉमन एरिया में थर्मल स्कैनिंग, हैंड वॉश और सैनिटाइजर को रखना अनिवार्य होगा। संपूर्ण कार्यस्थल पर इस बात का ध्यान रखना होगा कि वो हमेशा सैनिटाइज रहे, जो मानव संपर्क में आते हैं जैसे दरवाजे के हैंडल आदि
सोशल डिस्टेन्सिंग: कार्यस्थल के प्रभारी एवं सभी व्यक्ति, कामगारों के बीच पर्याप्त दूरी सुनिश्चित करेंगे, शिफ्ट के बीच पर्याप्त अंतर एवं लंच ब्रेक आदि।
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