केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने क्लीनिकल मैनेजमेंट प्रोटोकाल: कोविड-19 का संशोधित संस्करण जारी किया है। मंत्रालय की ओर से जारी इस दस्तावेज का उपयोग स्वास्थ्य पेशेवरों द्वारा रिफ्रेंस के रूप में किया जाता है। इस महीने की शुरुआत में स्वास्थ्य मंत्रालय ने मैनुअल (सूची) में कोरोनावायरस के नए लक्षणों को शामिल किया है। ये लक्षण सूंघने और स्वाद की क्षमता खोना है।
दस्तावेज में कहा गया है कि डेक्सामेथासोन का प्रयोग ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत वाले मरीजों पर किया जा सकता है। इसका इस्तेमाल गठिया जैसे रोगों में सूजन को कम करने के लिए किया जाता है। देश में कोरोना का ग्राफ तेजी से बढ़ता जा रहा है।
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक भारत कोरोना संक्रमितों के लिहाज से दुनिया में सर्वाधिक प्रभावित दस देशों में चौथे स्थान पर है।
बतादें क्लीनिकल ट्रायल का नेतृत्व कर रहे ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर मार्टिन लैंड्रे ने कहा, “यह एक परिणाम है जो दिखाता है कि अगर COVID-19 के ऐसे मरीज जो वेंटिलेटर या ऑक्सीजन पर हैं, को डेक्सामेथासोन दिया जाता है तो यह मरीज के जीवन को बचा सकता है। यही नहीं, यह सब अपेक्षाकृत कम खर्च में हो सकता है।’
उनके सहयोगी पीटर हॉर्बी के अनुसार, डेक्सामेथासोन, सूजन को कम करने के लिए अन्य बीमारियों में व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला एक सामान्य स्टेरॉयड है. यह ऐसा एकमात्र ड्रग है जिसने अब तक मृत्यु दर को कम किया है। हॉर्बी ने इसे एक बड़ी कामयाबी बताया। ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री मैट हैनकॉक ने मंगलवार को कहा कि ब्रिटेन ने कोरोना वायरस रोगियों को तुरंत डेक्सामेथासोन देना शुरू कर दिया है।
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