मौसम का मिजाज़ : बिहार में कुछ घंटों में हो सकती है मानूसन की दस्तक, जानिए इस साल कैसा रहेगा मानूसन ?

मानसून के बादलों का रुख केरल औऱ कर्नाटक और महाराष्ट्र से गुजरते हुए अब ओडिशा, झारखंड, बंगाल के कुछ हिस्सों और बिहार पहुंचने का अनुमान है। मौनसून तेज़ी से बिहार की ओर बढ़ रहा है। मौजूदा मौसम की परिस्थितियों के मुताबिक अगले 24 से 36 घंटों में मानसून का प्रवेश प्रदेश में सुनिश्चित है। मौसम विज्ञान पटना लगातार सूबे में बारिश की स्थिति का आकलन कर रहा है। वहीं विभाग के अनुसार यदि शुक्रवार की बारिश की स्थिति मानसून के आगमन के मानक के अनुकूल पाई गई तो बिहार में इसके आगमन की औपचारिक घोषणा कर दी जाएगी। मौसम विभाग ने कहा है कि शनिवार तक तो निश्चित रूप से इसके सूबे में प्रवेश और आंशिक प्रसार के आसार हैं। मानसून के आगमन के बाद राज्य के कई हिस्सों में गरज के साथ बारिश की चेतावनी जारी की गई है।

राज्य में 14 जून तक येलो अलर्ट जारी किया गया है। अगले 24 से 48 घंटों में तीव्र वज्रपात की परिस्थतियां बनी रहेंगी। कुछ जगहों पर भारी तो कई जगहों पर हल्की बारिश हो सकती है। गौरतलब है कि सूबे में मानसून के पहुंचने का मानक समय 13 जून है। यह पूर्णिया के रास्ते सूबे में प्रवेश करता है। इस बार इसके समय से पूर्व आगमन की परिस्थतियां पूरी तरह अनुकूल हैं।

बारिश के बाद उमस की स्थिति, पारा गिरा

पिछले 24 घंटों में पटना समेत राज्य के कई हिस्सों में दिनभर बादल छाए रहे। हालांकि इसके बाद इन जिलों में लगभग दिनभर उमस की स्थिति बनी रही। पटना में बादलों और सूरज के बीच लुकाछिपी का दौर चलता रहा। वहीं बारिश की वजह से सभी शहरों का अधिकतम पारा सामान्य से नीचे आ गया है। अनुमान है कि अगले दो तीन दिन इसमें और गिरावट आ सकती है। पिछले 24 घंटों में राज्य के जिन हिस्सों में बारिश दर्ज की गई, उनमें त्रिवेणी में 80 मिमी, नौहट्टा में 30 मिमी, रोसड़ा में 20 मिमी, सौलीघाट, जंदाहा, बसुआ, दरभंगा, बरौनी, जाले, समस्तीपुर में 10 मिमी बारिश हुई। जानकारों के मुताबिक आने वाले कुछ दिनों में बारिश की तीव्रता के साथ वज्रपात की घटनाएं भी बढ़ेंगी। मौसम विभाग ने लोगों से सचेत रहने की अपील की है।

देश में बारिश के चार महीने के मौसम की शुरुआत हो चुकी है। 

दक्षिण पश्चिम मानसून ने दो दिन की देरी से गुरुवार को केरल में दस्तक दी। केरल में मानसून का पहुंचने के साथ देश में बारिश के चार महीने के मौसम की शुरुआत हो गई। केरल औऱ कर्नाटक से गुजरते हुए अब मानसून महाराष्ट्र भी पहुंच गया है. महाराष्ट्र में शनिवार को दक्षिण पश्चिम मानसून ने दस्तक दी और इस वजह से महाराष्ट्र के कुछ तटीय इलाकों में बारिश देखने को मिली। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के क्षेत्रीय केंद्र की निदेशक शुभांगी भुते ने कहा कि मानसून उम्मीद और समय के मुताबिक महाराष्ट्र पहुंचा है. भुते ने कहा कि दक्षिण पश्चिम मानसून महाराष्ट्र में प्रवेश कर चुका है। यह विधिवत रूप से तटीय रत्नागिरी जिले के हरनाई बंदरगाह तक पहुंच गया है। इसके आने का वास्तविक क्षेत्र सोलापुर और मराठावाड़ा के कुछ हिस्सों तक और उसके बाद तेलंगाना एवं आंध्र प्रदेश तक होता है. इस महीने के अंत में मानसून दिल्ली तक पहुंच सकता है।

बिहार सहित इन राज्यों में मॉनसून कब तक?

मानसून अगले दस दिनों में ओडिशा, झारखंड, बंगाल के कुछ हिस्सों और बिहार पहुंचने का अनुमान है। मौसम विज्ञान विभाग के प्रतिनिधि ने बताया कि 13-14 जून तक बिहार में मानसून आने की संभावना है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि मानसून मध्य अरब सागर, कर्नाटक के तटीय क्षेत्र, गोवा, महाराष्ट्र और कर्नाटक के अंदरूनी हिस्से, तेलंगाना के कुछ भाग और आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु के कुछ इलाकों, मध्य बंगाल की खाड़ी और बंगाल की खाड़ी के पूर्वोत्तर क्षेत्रों तक पहुंच चुका है। आईएमडी के राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र के राजेंद्र जेनामानी ने कहा कि 7-8 जून को कम बारिश होने का अनुमान है।

11 जून तक बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। इससे मानसून की रफ्तार बढ़ेगी।। इसके ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों और बिहार की तरफ बढ़ने की संभावना है। मानसून दो दिनों की देरी से तीन जून को केरल पहुंचा था। आईएमडी ने जून में सामान्य बारिश होने का अनुमान जताया है. अगले पांच दिनों तक देश में लू की स्थिति बनने की संभावना नहीं है।

दिल्‍ली में मॉनसून कब तक?

पिछले महीने, निजी मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्‍काईमेट वेदर ने कहा था कि दिल्‍ली में जून के आखिर तक मॉनसून पहुंच सकता है। सितंबर के महीने में दिल्‍ली में अच्‍छी-खासी बारिश हो सकती है। हालांकि बाकी सीजन के दौरान बारिश में ’10-15% की कमी’ का अनुमान है। पिछले साल मॉनसून 30 सितंबर को गया था और बारिश 20% कम रही थी।

23 जून तक यूपी में मानसून

उत्तर प्रदेश में आने वाले दो दिनों में तापमान बढ़ने के साथ तेज गर्मी और उमस के आसार बन रहे हैं। वहीं फिलहाल बारिश की उम्मीद नहीं है, मौसम विभाग के अनुसार 23 जून तक यूपी में मानसून आने की संभावना है।

इस साल कैसा मानूसन रहेगा?

IMD के मुताबिक, इस साल दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के सामान्य रहने की संभावना है। जून से लेकर सितंबर तक बारिश के आसार जताए गए हैं। पिछले महीने एक वर्चुअल ब्रीफिंग में, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव माधवन राजीवन ने कहा था कि मॉनसून की लंबी अवधि का औसत (LPA) 98 प्रतिशत होगा, जो सामान्य श्रेणी में आता है। LPA 1961-2010 के बीच मॉनसून में हुई बारिश का औसत है जो कि 88 सेंटीमीटर बैठता है। 98% के पूर्वानुमान का मतलब है कि इस साल मॉनसून सीजन के दौरान करीब 86.2 CM बारिश होगी।

मॉनसून आने की क्‍या हैं शर्तें?

अगर 10 मई के बाद, केरल के 14 मौसम केंद्रों पर लगातार दो दिन 2.5 मिलीमीटर या उससे ज्‍यादा की बारिश होती है, तो दूसरे दिन मॉनसून के आने की घोषणा कर दी जाती है। पिछले दिनों यह पैमाना पूरा हो चुका है। हालांकि इसके लिए कुछ और मानकों का पूरा होना भी जरूरी है। जिनमें तय कोऑर्डिनेट्स के बीच हवा की न्‍यूनतम रफ्तार, आउटगोइंग लॉन्‍गवेव रेडिएशन का स्‍तर शामिल हैं।

मॉनसून सीजन तब शुरू होता है जब दक्षिण-पश्चिम मॉनसून पहली बार केरल के दक्षिणी सिरे से टकराता है। वहां से आमतौर पर जून के पहले हफ्ते में और राजस्थान से सितंबर तक पीछे हट जाता है। इस साल मॉनसून के सामान्य रहने की संभावना 40 फीसदी है जबकि 21 फीसदी संभावना सामान्य से ऊपर है। यह लगातार तीसरा साल है, जब IMD ने अच्छी बारिश की भविष्यवाणी की है।