बिहार सरकार के मंत्रीपद और पार्टी से बर्खास्त किये जाने के बाद श्याम रजक ने अपनी विधायिकी भी छोड़ दी है। उन्होंने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि ‘रात भर चंद्रशेखर जी की जेल यात्रा डायरी पढ़ा हूँ और पढ़कर यहीं निर्णय लिया हूँ कि सामाजिक न्याय के साथ धोखा नही करना चाहिए, और जहाँ सामाजिक न्याय का हनन हो वहां रहने का कोई औचित्य नहीं।
उन्होंने आगे कहा कि जो संविधान की रक्षा नहीं कर सकते हैं, वो राज्य की सुरक्षा क्या करेगा। संविधान के धारा 19 में साफ कहा गया है कि आपको अनुशासन भंग करना है तो उसके लिए उसके खिलाफ राज्य व्यवस्था के राज्य के विधायक या राष्ट्रीय परिषद के मदद नही कर सकता है । वहीं निकालने की बात पर श्याम रजक ने कहा कि मुझे गैरकानूनी तरीके से निकाला गया है। और मुझे निकाला क्या गया, मैं खुद ही इस्तीफा दे रहा हूँ
ऐसे क्या मुख्य कानून चलता है क्या देश का अभी मैं विधानसभा जा रहा हूँ।
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