नीतीश सरकार ने जारी किए जातिगत गणना के आंकड़ें, सवर्णों की संख्या 15.52 फीसदी, ‘36% अत्यंत पिछड़ा, 27% पिछड़ा वर्ग…’,

आज महात्मा गांधी की 154वीं जयंती है….और बिहार सरकार ने जातिय गणना के आंकड़े जारी कर दिए हैं. इसमें ’36 फीसदी अत्यंत पिछड़ा, 27 फीसदी पिछड़ा वर्ग, 19 फीसदी से थोड़ी ज्यादा अनुसूचित जाति और और 1.68 फीसदी अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या बताई गई है.

जनगणना में कुल आबादी 13 करोड़ से ज्यादा

मुख्य सचिव के प्रभार में पद संभाल रहे विकास आयुक्त विवेक सिंह  समेत अन्य अधिकारियों ने इसकी रिपोर्ट भी जारी कर दी है.प्रभारी मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह इसे लेकर एक किताब जारी की है। उन्होंने कहा कि बिहार में 2 करोड़ 83 लाख 44 हजार 160 परिवार हैं। इसमें पिछड़ा वर्ग 27.12%, अत्यंत पिछड़ा वर्ग 36.01%, अनुसूचित जाति 19.65%, अनुसूचित जनजाति 1.68% और सामान्य वर्ग 15.52% है। जनगणना में कुल आबादी 13 करोड़ से ज्यादा बताई गई है. अधिकारियों के मुताबिक जाति आधारित गणना में कुल आबादी 13 करोड़ 7 लाख 25 हजार 310 बताई गई है.

सवर्णों की संख्या 15.52 फीसदी

विकास आयुक्त विवेक सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि बिहार की आबादी में करीब 82 फीसदी हिंदू और 17.7 फीसदी आबादी मुसलमानों की है। वहीं बिहार में सवर्णों की संख्या 15.52 फीसदी,राजपूत की आबादी 3.45 फीसदी, भूमिहार की आबादी 2.86 फीसदी, ब्रहाणों की आबादी 3.66 फीसदी, यादवों की आबादी 14 फीसदी ,कुर्मी की जनसंख्या 2.87 फीसदी, मुसहर की आबादी 3 फीसदी  है.

डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने ट्वीट लिखा है कि यह ऐतिहासिक क्षण है, दशकों के संघर्ष का प्रतिफल है।