बिहार की राजनीति में कब कौन सा बखेड़ा हो जायेगा। यह कह पाना बड़ा हो पेचीदा है। कब राजनीति समाज से खुद के स्वार्थ तक आ ठहर सी जाती है इसका आकलन कर पाना भी आसान नहीं। जनता दल यूनाइटेड के नेता और केंद्रीय मंत्री को पार्टी ने राज्यसभा का टिकट नहीं दिया। इसको लेकर बिहार कि सियासी हलचल एक बार फिर जोर पकड़ती नजर आ रही है। आरसीपी सिंह खुद ही इसको लेकर कह रहे हैं कि वह पीएम से मिलकर इसपर बात करेंगे। ये पीएम का विशेषाधिकार है कि वह मंत्रीमंडल में रहेंगे या नहीं। वहीं आरसीपी सिंह ने यह भी कहा कि भाजपा के पास 303 सीटें हैं ऐसे में वह किसी अन्य दल के नेता को मंत्रीमंडल में शामिल करें या नही यह तो उनका विशेषाधिकार है। उन्होंने आगे कहा कि तब भाजपा के पास 181 सीट थी ऐसे में नीतीश कुमार को केंद्रीय मंत्रीमंडल में जगह दी गई थी।
लेकिन आरसीपी सिंह के उस बयान ने ज्यादा बवाल मचा दिया जब उन्होंने सीएम नीतीश कुमार PM मटेरियल नहीं होना बताया। इस पर बिहार के विभिन्न राजनीतिक दल ने अपनी प्रतिक्रिया भी दी हैं। भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय इस्पात मंत्री रामचंद्र प्रसाद सिंह ने बयान को सही करार दिया है तो कांग्रेस ने आरसीपी सिंह को इस बयान पर आईना दिखाया है। राष्ट्रीय जनता दल ने इसे जदयू का आंतरिक मामला बताते हुए आपसी कलह करार दिया है।
इस बयान पर भारतीय जनता पार्टी ने कहा है कि दिल को बहलाने का गालिब ये ख्याल अच्छा है, पर प्रधानमंत्री संख्या बल से बनता है। अभी प्रधानमंत्री पद पर कोई वैकेंसी नहीं है।
इधर भारतीय जनता पार्टी के नेता और केंद्रीय इस्पात मंत्री रामचंद्र प्रसाद सिंह पर राजद ने जोरदार हमला बोला है। राजद ने आरसीपी सिंह के बयान को पार्टी का आंतरिक कलह बताते हुए कहा है कि सारा खेल बीजेपी करवा रही है।
कांग्रेस ने तो पूरे मामले पर आरसीपी सिंह को दोषी करार देते हुए कहा है कि एक वह वक्त था जब आरसीपी सिंह सीएम नीतीश कुमार के लिए जीते थे और सीएम नीतीश कुमार आरसीपी सिंह के लिए। आरसीपी सिंह खुद नीतीश कुमार को पीएम मटेरियल बता चुके हैं। आज बीजेपी के इशारों पर संख्या बल की दुहाई दे रहे हैं।
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