कोविड महामारी के दौर में बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट के लिए जागरूकता की जरूरत-सीआईआई

बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. अशोक घोष ने कहा कि इस महामारी ड्रोन में सैनिटाइजेशन एक नई उभरती हुई प्रवृत्ति है, लेकिन हमें बड़े पैमाने पर सामुदायिक स्वच्छता के लिए कुछ अन्य वैकल्पिक विकल्प पर ध्यान देने की आवश्यकता है, ड्रोन उसी में उपयोगी नहीं हो सकता है।उन्होंने कहा कि डॉक्टरों के पास आजकल कोविड 19 पर जागरूकता फैलाने की अतिरिक्त जिम्मेदारी है और साथ ही हमारे समाज और स्वास्थ्य कार्यकर्ता को सुरक्षित और स्वस्थ रखने के लिए कोविड-19 कचरे को ठीक से डंप करना है।

सीआईआई द्वारा कोविड-19 से बायो मेडिकल वेस्ट के प्रबंधन पर, बिहार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड साथ डॉ. सुब्रमण्यम, टीम लीडर (बिहार और झारखंड, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) सेमिनार में बोलते हुए उन्होंने इस पहल की सराहना की। उन्होंने आगे कहा कि स्टेट रेगुलेटरी बॉडी, फेलिसिटेटर कंपनी और स्टेक होल्डर्स को स्वस्थ पर्यावरण की दिशा में यूनिडायरेक्शनल संचालन को आगे लाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मेडिकल फैटरनिटी का ध्यान कोविड 19 कचरे के सुरक्षित अलगाव पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, क्योंकि यह समाज और लोगों के संक्रमित होने के लिए खतरे में है।

एसएस मेडिकल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक मनीष भंडारी ने विचार विमर्श करते हुए कहा कि निजी अस्पताल जो बायो मेडिकल और कोविड- 19 कचरे में प्रभावी रूप से सक्षम हैं, वे कोविड 19 अस्पताल और अन्य अस्पताल नहीं हैं, जो अस्पताल हैं प्रमुख रूप से सरकारी अस्पतालों में इन मेडिकल कचरे के प्रबंधन के लिए पर्याप्त इन्फ्रा नहीं है। इसलिए इस स्थिति से निपटने के लिए इन अस्पतालों में हाथ पकड़ना आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा कि प्राथमिकता जैव चिकित्सा अपशिष्ट को कम करने पर होनी चाहिए और पीपीई किट का पुनः उपयोग इसके लिए सबसे अच्छा उपकरण में से एक हो सकता है।

मेडिकेयर एनवायरनमेंटल मैनेजमेंट (पी) लिमिटेड के निदेशक सत्य नारायण अडाला ने कहा कि देश का जैव अपशिष्ट 50 फीसदी तक गिर गया है और इसके अच्छे संकेत और इसके कारण कोविड 19 कचरे का प्रबंधन करने का अवसर बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि सीपीसी दिशानिर्देश उद्योग के लिए बहुत प्रभावी और उपयुक्त है।
रूबन मेमोरियल अस्पताल के निदेशक डॉ. संतोष कुमार ने बायो मेडिकल/ कोविड 19 कचरे और बिहार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के दिशानिर्देशों पर विस्तृत जानकारी दी।
आपको बताते चलें कि मेडिकल बिरादरी के लगभग 70 पार्टनर्स ने सेमिनार में भाग लिया
पारस एचएमआरआई हॉस्पिटल्स के संयोजक, सीआईआई हेल्थ पैनल और क्षेत्रीय निदेशक डॉ. तलत हलीम ने सत्र का संचालन किया और मेदांता हॉस्पीटल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. रवि कुमार ने सभी वक्ताओं और प्रतिनिधियों का धन्यवाद करते हुए सत्र का समापन किया।