COVID 19 Update: दो लाख से अधिक कोविड-19 के संक्रमितों के ठीक होने के साथ, देश में संक्रमितों की संख्या बढ़ कर हुई 3,80,532

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा आज सुबह 8.00 बजे जारी आंकड़ों के मुताबिक भारत में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या पिछले 24 घंटों में 13,586 नए मामले आने के बाद बढ़कर इसके 3,80,532‬‬‬ हो गई है। साथ ही देश में संक्रमण से अब तक 12573 लोगों की मौत हो चुकी है, देश के 33 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सामने आए मामलों में 163248 सक्रिय हैं। जबकि 204711 लोग ठीक/ डिस्चार्ज या माइग्रेट हुए हैं।

बिहार में कोरोना वायरस के 100 नए मामलों के साथ कुल मामले हुए 7,040

बिहार में स्वास्थ विभाग के द्वारा कल शाम आखरी ट्विट कर जारी सुचना के अनुसार अपडेट में कोरोना वायरस के विभिन्न जिलों के 100 नए मामले सामने आए जिसके बाद संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 7,040 हो गई। बिहार में सक्रिय मामलों की संख्या 2223‬ है जबकि कल शाम 4 बजे जारी आकड़ो के मुताबिक अभी तक इस संक्रमण से 4,776 लोग ठीक हुए हैं। वहीं अबतक 44 लोगों की मौत हुई है। 3 मई के बाद बिहार लौटे 4,687 व्यक्तियों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है।

बिहार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक,राज्य में गुरुवार को कोरोना के सर्वाधिक 22 केस दरभंगा में, 19 केस रोहतास में और 14 केस पटना में रिपोर्ट हुए। वहीं, आज समस्तीपुर में 6 और औरंगाबाद व सिवान में 4-4 केस सामने आए। गौरतलब है कि अब तक कुल 1,39,584 से अधिक सैंपल्स की जाँच की जा चुकी है।

WHO को उम्मीद साल के अंत तक आ जाएगी कोरोना की वैक्सीन

COVID-19 वैक्सीन को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन की वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने बताया है कि इस वर्ष के आखिर तक इसके उपलब्ध होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि वैक्सीन के 10 दावेदार ह्यूमन ट्रायल कर रहे हैं। वहीं इनमें से तीन ऐसे हैं जो इससे भी आगे निकल चुके हैं जहां इस वैक्सीन के एफिसिएंसी को लेकर जांच की जा रही है।

अभी कोई वैक्सीन प्रमाणिक नहीं

उन्होंने यह भी बताया कि इस वर्ष के आखिर तक COVID-19 वैक्सीन की लगभग दो अरब खुराकें तैयार होने की उम्मीद है। जिसे प्राथमिकता के आधार पर सबसे अधिक प्रभावित आबादी के इलाज के लिए दिया जाएगा। साथही डॉ सौम्या ने यह भी कहा कि हमारे पास अभी कोई वैक्सीन नहीं है जो प्रमाणिक हो।

मलेरिया की दवा रोक नहीं पाएगी मौतों

उन्होंने बताया कि हाल के परिक्षण से साबित हो गया है कि मलेरिया की दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद अस्पताल में भर्ती हुए लोगों की मौत रोकने में कारगर नहीं है। लिहाज़ा, उन्होंने यह भी कहा है कि लोगों को कोविड-19 के संक्रमण की चपेट में आने से रोकने में इस दवा की भूमिका हो सकती है। जिसका क्लीनिकल परीक्षण अभी जारी हैं।