मुम्बई में आयोजित 23वें राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सम्मेलन में जिला प्रशासन, सहरसा को लोक सेवाओं में ई-गवर्नेंस के माध्यम से नागरिकों को विभिन्न योजनाओं का लाभ पहुँचाने में उत्कृष्ट एवं नवाचारी योगदान के लिए सिल्वर एवार्ड प्रदान किया गया. जिसे सहरसा की जिलाधिकारी डॉ0 शैलजा शर्मा ने प्राप्त किया. राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में ई-गवर्नेंस के लिए दिया जाने वाला यह पुरस्कार सहरसा जिला के लिए हीं नहीं बल्कि बिहार राज्य के लिए एक बड़ी उपलब्धि है. जिलाधिकारी सहित जिला प्रशासन की टीम के परिकल्पना, संकल्प, परिश्रम एवं प्रशासनिक कुशलता से ही इसे साकार किया जा सका है.
कोसी के तटबंधों पर बसा है सहरसा
सहरसा जिला का बड़ा भू-भाग कोशी नदी के दोनों तटबंधों के बीच फैला हुआ है. कुल 122 राजस्व ग्राम कोसी तटबंध के भीतर अवस्थित है. कोशी नदी की प्रवृति है कि यह हर साल अपनी धारा बदलती रहती है. जिसके कारण इन क्षेत्रों में आधारभूत संरचनाओं का अभाव है. आर्थिक रूप से अधिसंख्य आबादी कृषि पर निर्भर है. कृषक मजदूरों की बड़ी संख्या है, जो मजदूरी हेतु अन्यत्र पलायन करती है। जिले की साक्षरता 55 प्रतिशत है तथा डिजिटल साक्षरता और भी कम है। ऐसे में कृषि आधारित मजदूरों का पलायन रोकने, किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने, योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता लाते हुए विचैलियों का प्रभाव कम करने, स्वास्थ्य एवं शिक्षा की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित करना एक बड़ा दायित्व है.
ऑनलाइन उपलब्ध है कल्याणकारी योजनाएं
केंद्र एवं राज्य सरकार के सभी विभागों द्वारा चलाये जा रहे कल्याणकारी योजनाएं ऑनलाइन उपलब्ध है. लोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत भी सभी सेवाएं ऑनलाईन हीं उपलब्ध है. सहरसा जिले में मात्र 13 पंचायतों में हीं पंचायत सरकार भवन उपलब्ध है जहाँ ऑनलाईन आवेदन की सुविधा है। प्रमाण-पत्र यथा-जाति, आवास, आय, जन्म एवं मृत्यु आदि सभी के लिए ऑनलाइन आवेदन का प्रावधान हैद्य मनरेगा योजना अन्तर्गत 101 प्रतिशत मजदूरों को रोजगार दिया गया जो राज्य में सर्वाधिक प्रतिशत है। किसानों की आय में वृद्धि हेतु प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना से 168282 किसानों को लाभ प्राप्त कराया गया। प्रधानमंत्री मान-धन योजना में 13373 किसानो को पंजीकृत किया गया जो राज्य में तीसरे स्थान पर है।
डिजीटल साक्षरता का भी प्रयोग
जिला प्रशासन, सहरसा के द्वारा सभी पंचायतों में ऑनलाईन सुविधा हेतु आधारभूत संरचना के विकास हेतु प्रयास किये जा रहे हैं। विशेषकर डिजिटल साक्षरता बढ़ाने की दिशा में मॉडल के रूप में ग्राम ’’धकजरी’’ को पूर्ण रूपेन डिजिटल साक्षर ग्राम बनाये जाने का लक्ष्य है। सर्व शिक्षा अभियान एवं प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजीटल साक्षरता मिशन के इंटीग्रेशन से साक्षरता एवं डिजीटली साक्षर अभियान चलाये जाने की कार्ययोजना तैयार की गई है।
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