कोरोना वायरस के बीच शाहीनबाग में महिलाओं का धरना जारी, बैठने के लिए 2 मीटर पर लगाया गया 100 तख्त

दिल्ली के शाहीन बाग में सीएए के खिलाफ धरना प्रदर्शन अभी भी जारी है. दिल्ली में हुई दंगा ने जहां पूरे देश को हिलाकर रख दिया था वहीं शाहीनबाग की महिलाओं पर इसका थोड़ा भी असर नहीं हुआ. अब जब कि पूरी दुनिया में कोरोना जैसे महामारी फैल चुकी है और इसको लेकर आपातकाल घोषित किया जा चुका है. लेकिन शाहीनबाग की महिलाओं ने केंद्र सरकार के साथ साथ कोरोना से भी लड़ने की हौंसला जाहिर की है.

एक चौकी पर बैठेगी सिर्फ दो महिलाएं

अब कोरोना वायरस के दहशत में 94वें दिन से शाहीन बाग में महिलाएं धरने पर बैठी है. अंतर इतना है कि बैठने की जगह पर करीब 100 लकड़ी की चौकियां लग गई हैं. आयोजकों ने हर एक पर सिर्फ दो लोगों को बैठने को कहा है. ऐहतियात के तौर पर बुजर्गों ने मास्क लगाया है और बच्चों को प्रदर्शन स्थल से दूर रखने को कहा गया है. ज्यादातर प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के 50 से ज्यादा लोगों के जुटने वाले आदेश को न मानने की बात कही है.

सीएम के बयान पर सवाल

शाहीनबाग में 94 दिनों से धरने में बैठीं एक प्रदर्शनकारी ने सीएम अरविंद केजरीवाल के बयान पर कटाक्ष करते हुए कहा कि 50 लोगों को नहीं होगा कोरोना इसकी गारंटी कौन देगा. ऐहतियात के तौर पर 2 मीटर की दूरी पर करीब 100 तख्त लगाया गया है. हर एक पर 2 महिलाएं बैठेंगी, 100 तख्त या चैकियां लगाई गई हैं.प्रदर्शनकारी ने सवाल पूछा कि जब दंगा हुआ तो केजरीवाल ने क्यों कोई ऑर्डर नहीं दिया.

प्रदर्शनकारी महिलाओं से बातचीत बेनतीजा

पुलिस अधिकारियों ने प्रदर्शनकारी महिलाओं से बातचीत की पहल शुरू की. लेकिन दिल्ली पुलिस की ये बातचीत बेनतीजा साबित हुई. दरअसल, इन महिलाओं ने मंच पर आकर पुलिस से बात करने को कहा.

इस मामले में एसीपी ने प्रदर्शनकारियों से कहा कि खुले दिमाग से आप मशवरा करें कि इस मामले में आगे क्या कर सकते हैं. इससे पहले प्रदर्शन स्थल से बाहर लगी पुलिस बेरिकेड्स के पास महिलाओं ने पुलिस टीम से बातचीत की है.