निर्भया को इंसाफ के लिए सात साल का इंतजार करना पड़ा और आखिरकार 20 मार्च की सुबह चारों दोषियों को फांसी दे दी गई. इसको लेकर पूरे देश में खुशी का माहौल है. दोषियों की फांसी के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने भी ट्वीट किया और कहा कि आज न्याय हुआ है. उन्होंने लिखा है कि महिलाओं की गरिमा और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इसका अत्यधिक महत्व है। हमारी नारी शक्तियों ने हर क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। हमें मिलकर एक ऐसे राष्ट्र का निर्माण करना है, जहां महिला सशक्तीकरण पर ध्यान दिया जाए, जहां समानता और अवसर पर जोर हो.
Justice has prevailed.
It is of utmost importance to ensure dignity and safety of women.
Our Nari Shakti has excelled in every field. Together, we have to build a nation where the focus is on women empowerment, where there is emphasis on equality and opportunity.
— Narendra Modi (@narendramodi) March 20, 2020
‘सभी लोगों को संकल्प लेने की जरूरत’
वहीं निर्भया के दोषियों को फांसी दिए जाने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी लोगों को संबोधित किया. उन्होंने सभी से अपील की कि वे संकल्प लें कि देश में दोबारा निर्भया कांड न दोहराया जाए. अरविंद केजरीवाल का कहना है कि निर्भया को न्याय पाने में सात साल लग गए. आज वह दिन है जब सभी लोगों को संकल्प लेना चाहिए कि अब देश में निर्भया जैसी दूसरी घटना नहीं होगी। इसके लिए सभी के स्तर पर काम करने की जरूरत है.
सात साल बाद आज निर्भया के दोषियों को फाँसी हुई
आज संकल्प लेने का दिन है- कि अब दूसरी निर्भया नहीं होने देंगे। पुलिस, कोर्ट, राज्य सरकार, केंद्र सरकार – सबको संकल्प लेना है कि हम सब मिलकर सिस्टम की ख़ामियों को दूर करेंगे और भविष्य में किसी बेटी के साथ ऐसा नहीं होने देंगे pic.twitter.com/OhsNaMAKq9
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) March 20, 2020
कानून से कोई बच नहीं सकता
वहीं निर्भया मामले पर स्मृति ईरानी ने कहा है कि मैंने इतने सालों में निर्भया की मां का संघर्ष देखा है. हालांकि न्याय पाने में समय लगा, लेकिन आखिरकार न्याय हुआ. यह लोगों को भी संदेश है कि वे कानून से भाग सकते हैं लेकिन हमेशा के लिए इससे बच नहीं सकते.
न्याय को भटकाने की कोशिश हुई
वहीं केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि आज के दिन न्यायपालिका, सरकार और समाज को यह विचार करना चाहिए कि मृत्युदंड की सजा पाए दोषियों को इस तरह सात वर्षों तक न्याय व्यवस्था को बरगलाने की अनुमति दी जानी चाहिए या नहीं ? यह चारों वो गुनहगार थे जिन्होंने सबसे घिनौने अपराध को अंजाम दिया था. काश इन्हें पहले ही फांसी हो गई होती।
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