मेघालय में कोरोना से मरने वाले डॉक्टर के अंतिम संस्कार का विरोध, उप राष्ट्रपति इस खबर से काफी आहत

मेघालय में स्थानीय लोगों ने कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से मरने वाले एक डॉक्टर के अंतिम संस्कार का यह कहते हुए विरोध किया कि इससे बीमारी और फैल सकती है।  राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को कहा कि वह इस समाचार से बेहद आहत हैं कि नायडू ने कहा कि इस तरह की घटनाएं समाज पर धब्बे की तरह हैं।

यह गंभीर चिंता का विषय

मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए नायडू ने कहा कि मेघालय के कोरोना संक्रमण की वजह से मरने वाले एक डॉक्टर के अंतिम संस्कार में 36 घंटे की देरी हुई, उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘ऐसी घटनाएं समाज की अंतरात्मा के लिए धब्बा हैं और पार्टी, धर्म व क्षेत्र से परे हम सबके लिए यह गंभीर चिंता का विषय हैं।नायडू ने कहा कि स्थानीय लोगों के इस तरह के व्यवहार के बाद मुख्यमंत्री कोनराड संगमा को खुद मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा। उप राष्ट्रपति ने कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों इसके लिए लोगों को शिक्षित करना होगा और कोरोना वायरस को लेकर समाज में व्याप्त भ्रांतियों को दूर करना होगा।

अफवाहों पर भरोसा नहीं करना चाहिए

उपराष्ट्रपति ने यह मामला गृह सचिव और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईसीएमआर) के महानिदेशक के साथ भी साझा किया है और कहा है कि यह घटना ऐसे समय में हुई है जब केंद्र सरकार कोरोना संक्रमित शवों के अंतिम संस्कार को लेकर मार्च में ही एडवाइजरी जारी कर चुकी है। उन्होंने कहा, मैं सभी नागरिकों से संवेदनशील होने का अनुरोध करता हूं। लोगों को जिम्मेदारी के मुताबिक कदम उठाने चाहिए और अफवाहों पर भरोसा नहीं करना चाहिए। यह समय सामाजिक जागरूकता का संदेश देने का है।