कांग्रेस नेता राहुल गांधी नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी से कोविड-19 की वजह से अर्थव्यवस्था को पहुंचे नुकसान को लेकर बातचीत की। देश की अर्थव्यवस्था को उबारने और सरकार को सुझाव देने के लिए राहुल विभिन्न विशेषज्ञों से बात कर रहे हैं। इससे पहले उन्होंने रिजर्व बैक ऑफ इंडिया के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन से बात की थी।
राहुल गांधी और अभिजित बनर्जी के बीच वार्ता का अंश
A conversation with Nobel Laureate, Abhijit Banerjee on the economic impact of the COVID19 crisis. https://t.co/dUrok8Wm3Q
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 5, 2020
– राहुल ने कहा कि केंद्र सरकार बेशक बड़े फैसले ले लेकिन लॉकडाउन और जमारी फैसलों को राज्य सरकार को लेने देना चाहिए। मौजूदा सरकार अलग हिसाब से चल रही है और केंद्र से ही फैसले लिए जा रहे हैं। अभिजीत ने कहा कि केंद्र को गरीबों के लिए नई योजना लाने की जरूरत है। राज्यों और जिला अधिकारियों को गरीबों को सीधा लाभ पहुंचाने की जरूरत है।
राज्य सरकारों को ज्यादा से ज्यादा मदद देनी होगी
अभिजीत ने कहा कि यदि किसी को पैसा पहुंचाना है तो उसके लिए एक वातावरण चाहिए। जिसके पास खाता है उसे पैसा मिल सकता है लेकिन जिसके पास खाता नहीं है उसके बारे में सोचना होगा। ऐसे में राज्य सरकारों को ज्यादा से ज्यादा मदद देनी होगी ताकि किसी तरह से आम लोगों तक पैसा पहुंच जाए।
हर किसी को चावल, दाल, गेहूं और चीनी की जरूरत
- राहुल ने कहा कि आज देश में राशन कार्ड कम है लोगों के पास खाना नहीं है। जिसपर नोबेल विजेता ने कहा कि हमने पहले भी इसपर सलाह दी है। सरकार को अभी राशन कार्ड जारी करने चाहिए, जो कम से कम तीन महीने काम करें और हर किसी को मुफ्त में राशन मिल सके। हर किसी को इस समय चावल, दाल, गेहूं और चीनी की जरूरत है।
लॉकडाउन बढ़ाने से कुछ नहीं होगा।
- राहुल ने कहा कि जितनी जल्दी लॉकडाउन से बाहर आया जाए उतना अच्छा है लेकिन उसके बाद भी एक योजना होनी चाहिए। वरना सारा पैसा बेकार है। जिसपर बनर्जी ने कहा कि हमें महामारी के बारे में पता होना चाहिए। लॉकडाउन बढ़ाने से कुछ नहीं होगा।
देश में आर्थिक पैकेज की दरकार
- राहुल ने कहा कि आज नकदी की दिक्कत होगी, बैंकों के सामने कई तरह की चुनौतियां होगी और नौकरी बचा पाना मुश्किल होगा। जिसके जवाब में बनर्जी ने कहा कि ये बिलकुल सच होने वाला है। ऐसे में देश में आर्थिक पैकेज की दरकार है। अमेरिका-जापान जैसे देशों ने ऐसा किया है। हमारे यहां नहीं हुआ। छोटे उद्योगों की मदद करनी चाहिए। तिमाही का ऋण भुगतान खत्म कर देना चाहिए।उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की वजह से कारोबार पूरी तरह से ठप है इसलिए आर्थिक मदद की ज्यादा जरूरत है।
देशव्यापी योजना लागू नहीं हो पाई
- बनर्जी ने कहा कि यूपीए सरकार ने काफी अच्छी नीतियों को लागू किया था लेकिन अब तो सरकार उन्हें लागू नहीं कर रही है। यूपीए सरकार ने जिस आधार जैसी योजनाओं को लागू किया था। इस सरकार ने भी उसे सही बताया और उसपर काम किया। आज के समय में इस तरह की सुविधा काफी सही साबित हो सकती थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसका मतलब है कि देशव्यापी योजना लागू नहीं हो पाई।
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