कोरोना से भूखमरी और हर रोज जा रही 10 हजार बच्चों की जान, UN ने किया आगाह-स्थिति और भयावह होगी

कोरोना वायरस और उससे निपटने को लेकर लगे प्रतिबंधों को लेकर यूनाईटेड नेशन ने आगाह किया है। यूएन की एजेंसियों ने कहा है कि इसके कारण कई समुदाय भूखमरी की चपेट में आ गये हैं और इससे करीब 10 हजार बच्चे हर रोज मर रहे हैं। इसका मुख्य कारण किसानों का बाजार से दूर हो जाना और चिकित्सीय सेवाओं की कमी।

यूएन की एजेंसियों ने क्या बोला

संयुक्त राष्ट्र की चार एजेंसियों ने चेताया कि बढ़ते कुपोषण के दीर्घकालिक परिणाम होंगे, जो व्यक्तिगत त्रासदियों को एक पीढ़ीगत तबाही में बदल सकते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन में पोषाहार के प्रमुख डॉक्टर फ्रांसेस्को ब्रांका ने कहा कि, ’कोविड-19 संकट के दौरान प्रभावित हुई खाद्य सुरक्षा का असर अब से क वर्ष तक दिखने वाला है।’

वैश्विक आकाल की स्थिति

लैटिन अमेरिका से लेकर दक्षिण एशिया तक उप-सहारा अफ्रीका में, पहले से अधिक गरीब परिवार को भविष्य में पर्याप्त भोजन नहीं मिल पाएगा। विश्व खाद्य कार्यक्रम के प्रमुख डेविड बीसले ने अप्रैल में आगाह किया था कि कोरोना वायरस अर्थव्यवस्था इस साल वैश्विक आकाल का कारण बनेगी।

खाद्य सुरक्षा को विभिन्न चरणों में आंका जाता है। अन्य कारणों के साथ ही 30 फीसदी आबादी के ’वेस्टिंग’ से पीड़ित होने पर आकाल घोषित किया जाता है। वेस्टिंग में एक व्यक्ति या शरीर का एक हिस्सा कमजोर और अधिक क्षीण हो जाता है। उप-सहारा अफ्रीका अब भी भुखमरी से सबसे अधिक प्रभावित है।