नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर बोले पीएम मोदी, कहा- 5 + 3 + 3 + 4 मॉडल की शुरुआत से ही शिक्षा नीति में होगा विस्तार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर देश को संबोधित करते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति लागू होने से कैसे ये शिक्षा नीति देश को विकास और सशक्त बनाने में मदद करेगी. यही नहीं छात्रों के कंधों से पढ़ाई को बोझ भी कम होगा. वहीं छात्रों को करियर के चयन को लेकर भेड़चाल की संभावना कम होगी.

नई शिक्षा नीति पर पीएम मोदी की मुख्य बातें…

  • एनईपी 2020 छात्रों को भविष्य के लिए तैयार करेगी और दुनिया की सामाजिक और तकनीकी स्थिति से मेल खाएगी. उनके अनुसार, छात्र 5 + 3 + 3 + 4 मॉडल की शुरुआत के साथ ही शिक्षा नीति में विस्तार होगा
  • इसके माध्यम से छात्रों के पास किसी भी विषय को चुनने का अधिकार होगा.
  • लंबे समय से छात्र भेड़चाल सिस्टम को फॉलो कर रहे हैं. ऐसे में उनके भीतर इमेजिनेशन की कमी, क्रिएटिव थिकिंग, पैशन, फिलॉसफी ऑफ एजुकेशन आदि खत्म हो चुका है, लेकिन नई शिक्षा नीति में इन सभी पर काम किया जाएगा.
  • भारत में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की आवश्यकता है और बेहतर शिक्षा प्रदान करने वाले संस्थानों को स्वायत्तता की आवश्यकता है.
  • एनईपी शिक्षकों के प्रशिक्षण पर भी ध्यान केंद्रित करता है क्योंकि “जब एक शिक्षक सीखता है, तो राष्ट्र आगे बढ़ता है,“
  • उच्च शिक्षा संस्थानों से एनईपी 2020 के कार्यान्वयन के लिए वेबिनार, सेमिनार और विचार मंथन सत्र आयोजित करने का अनुरोध
  • बच्चों के घर की बोली और स्कूल में सीखने की भाषा एक ही होनी चाहिए, ताकि बच्चों को सीखने में आसानी होगी. अभी पांचवीं क्लास तक बच्चों को ये सुविधा मिलेगी. अभी तक शिक्षा नीति व्हाट टू थिंक के साथ आगे बढ़ रही थी, अब हम लोगों को हाउ टू थिंक पर जोर देंगे.
  • 34 साल बाद शिक्षा नीति में बदलाव किया गया है. ऐसे में हर सवालों पर ध्यान दिया गया है. इसे बनाते समय खास रूप से क्र‍िएटिवि‍टी, क्यूरॉसिटी और कमिटमेंट मेकिंग पर ध्यान दिया गया है.
  • हमें विद्यार्थियों को ग्लोबल सिटीजन बनाना है, लेकिन अपनी जड़ों से भी जुड़े रहना चाहिए.
  • हमारा एजुकेशन सिस्टम वर्षों से पुराने ढर्रे पर चल रहा था जिसके कारण नई सोच, नई ऊर्जा को बढ़ावा नहीं मिल सका.
  • पीएम ने नई शिक्षा नीति का औचित्य बताते हुए कहा कि कभी डॉक्टर, कभी वकील, कभी इंजीनियर बनाने की होड़ लगी थी। दिलचस्पी, क्षमता और मांग की मैपिंग के बिना इस होड़ से छात्रों को बाहर निकालना जरूरी था.
  • नई शिक्षा नीति 21वीं सदी के भारत की बुनियाद तैयार करेगी। युवाओं को जिस तरह के एजुकेशन की जरूरत है, राष्ट्रीय शिक्षा नीति में इन बातों पर विशेष फोकस है.