कांग्रेस में नेतृत्व संकट के बीच आज कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक चल रही है. इस दौरान नेतृत्व के सवाल पर खुलकर बात हुई. फिलहाल सोनिया गांधी कांग्रेस के अंतरिम अध्यक्ष पद पर बनी रहेंगी. कांग्रेस नेतृत्व को लेकर चल रहे विवाद में अब जानकारी आ रही है कि फिलहाल सोनिया गांधी ही पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष बनी रहेंगी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बैठक में नेतृत्व बदलाव पर अभी कोई फैसला नहीं हो सका है और सोनिया के ही पद पर रहने पर सहमति बनी। इससे पहले झारखंड प्रदेश कांग्रेस ने भी सोनिया गांधी से पद पर बने रहने का अनुरोध किया था। झारखंड कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि सोनिया के नेतृत्व के कारण पार्टी में स्थिरता है।
कांगेस कार्यसमिति की बैठक में सोनिया गांधी ने अंतरिम अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश की थी. लेकिनं नेतृत्व पर सवाल उठाए जाने के बाद कांग्रेस समिति दो भागों में बंट गई. एक तरफ गांधी परिवार के समर्थन में लोग दिखे तो दूसरी तरफ बागी नेताओं ने भी अपने तेवर सख्त अख्तियार कर खुली चुनौती दे दी है.
सोनिया के समर्थन में मनमोहन और एंटनी
सोनिया गांधी के समर्थन में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और वरिष्ठ कांग्रेसी एके एंटनी ने चिट्ठी लिखने के कदम की आलोचना और नेतृत्व में बदलाव की मांग रखने वाले नेताओं के प्रति गुस्सा भी जाहिर किया. इसके बाद राहुल गांधी ने बेहद तीखे लहजे में लेटर की टाइमिंग पर सवाल खड़े करते हुए यहां तक कहा दिया कि चिट्ठी बीजेपी के साथ मिलीभगत कर लिखी गई है. राहुल के बाद प्रियंका गांधी ने भी गुलाम नबी को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की.
दिल्ली में कांग्रेस कार्यकारिणी की बैठक चल रही है. इस बैठक में नई पीढ़ी और पुरानी पीढ़ी एक बार फिर आमने-सामने आ गई. 23 नेताओं द्वारा कांग्रेस नेतृत्व को लेकर जो चिट्ठी लिखी गई, उसके कारण बैठक की शुरुआत काफी तीखी रही. लेकिन अब विवाद बढ़ता देख नेताओं की ओर से माहौल शांत करने की कोशिश की जा रही है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी के कथित बयान को लेकर पहले कपिल सिब्बल और अब गुलाम नबी आज़ाद ने सफाई पेश की है.
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