नीतीश सरकार फिर से जनता की परेशानियों और समस्याओं को सुनेगी.बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर सातवीं वार शपथ लेने के बाद ही मुख्यमंत्री ने इस बात का एलान किया था कि वह एक बार जनता दरबार कार्यक्रम की शुरुआत करने वाले हैं. उन्होंने कहा है कि कोरोना काल के बाद वह फिर से जनता दरबार की शुरुआत करेंगे और जनता से सीधे फीडबैक लेंगे.
कोरोना के कारण स्थगित हुआ था जनता दरबार
कोरोना जैसी महामारी के बाद सीएम नीतीश कुमार ने जनता दरबार को स्थगित कर दिया था. हालांकि उस दौरान बिहार में कोरोना संक्रमितों की संख्या काफी कम थी. उन्होंने कहा है कि कोरोना काल के बाद ही वह लोगों से सीधा संवाद शुरू कर पाएंगे. कोरोना काल के बाद एक बार फिर सीएम आवास में जनता दरबार जमेगा, जिसमें मुख्यमंत्री जनता से डायरेक्ट फीडबैक लेंगे
2005 में शुरु हुआ था जनता दरबार
नीतीश कुमार ने 2005 में सत्ता में आने के बाद जनता की परेशानियों और समस्याओं को सुनने के लिए जनता दरबार की शुरुआत की थी. पटना स्थित मुख्यमंत्री आवास में बड़ी संख्या में हर सोमवार को बिहार के हर जिले से लोग आते थे और लिखित आवेदन देते थे. जनता के दरबार में मुख्यमंत्री के साथ मंत्री और सचिव दोनों रहते थे. इस कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री को अपने काम काज का फीडबैक सीधे जनता से मिलता रहता था.
बिहार में कोरोना टीकाकरण के लिए तैयारी पूरी
नीतीश कुमार ने कहा है कि हम बिहार में कोरोना टीकाकरण के लिए तैयार हैं। पहले हेल्थकेयर वर्कर्स, फ्रंटलाइन वर्कर्स और 50 साल से ऊपर के लोगों को प्राथमिकता के आधार पर टीका लगाया जाएगा। सीएम ने कहा कि हम केंद्रीय दिशानिर्देश का पालन करेंगे और टीकाकरण का प्रभावी ढंग से संचालन करेंगे। हम विश्वास दिलाना चाहते हैं कि बिहार में हम इस काम को बहुत बढ़िया तरीके से करेंगे।
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