“कोविड-19 सुरक्षित टीकाकरण” पर वेबिनार, डॉ.ब्रजेश कुमार ने कहा- कोविड-19 का टीका पूरी तरह से सुरक्षित एवं प्रभावी

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार के फील्ड आउटरीच ब्यूरो (एफओबी), छपरा के द्वारा आज “कोविड19 सुरक्षित टीकाकरण” विषय पर वेबिनार का आयोजन किया गया। अतिथि वक्ता के रूप में होराइजन थेरैप्यूटिक्स, कैलिफोर्निया (यूएसए) के एसोसिएट डायरेक्टर (अनुसंधान और विकास) डॉ ब्रजेश कुमार ने कहा कि हमलोग बेहद सौभाग्यशाली हैं कि बेहद कम समय में ही कोविड-19 वैक्सीन का निर्माण किया गया है। उन्होंने कहा कि भारत में निर्मित वैक्सीन की प्रभावशीलता 80 से 90% है। वैक्सीन बेहद कारगर एवं पूरी तरह सुरक्षित है। वैक्सीन के अच्छे नतीजे देखने को मिल रहे हैं। लोगों के बीच वैक्सीन को लेकर फैली भ्रांतियों पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि क्लिनिकल ट्रायल के बाद ही वैक्सीनेशन शुरू किया गया है। वैक्सीन के निर्माण के तहत प्रथम चरण में इसकी सुरक्षा तथा दूसरे चरण में इसकी प्रभावशीलता पर कार्य किया गया है। तीसरा चरण चूंकि बहुत लंबा होता है, लिहाजा वैक्सीन को आपातकालीन मंजूरी दी गई है। इसलिए वैक्सीन को लेकर किसी को भी किसी प्रकार की भ्रांति नहीं होनी चाहिए। वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है और इसे सभी को लेना भी बेहद जरूरी है।

6 फरवरी से टीकाकरण के दूसरे चरण की शुरुआत

वेबिनार को संबोधित करते हुए सारण के जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ अजय कुमार शर्मा ने कहा कि 6 फरवरी तक प्रथम चरण का टीकाकरण समाप्त हो जाएगा। 6 फरवरी से दूसरे चरण की शुरुआत होगी, जिसमें जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन और पंचायती राज विभाग के कर्मचारियों को टीका लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि पहले चरण के टीकाकरण के मामले में सारण बिहार में चौथे स्थान पर है। जिले में अब तक 64% हेल्थ केयर वर्करों का टीकाकरण किया जा चुका है। जिले में अब तक किसी भी व्यक्ति में टीकाकरण के बाद कोई साइड इफ़ेक्ट देखने को नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 का टीका गर्भवती महिला, स्तनपान कराने वाली महिला और 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे और बच्चियों को नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोविड-19 टीका लेने के बाद भी कोविड-19 अनुरूप व्यवहारों का पालन करना आवश्यक है। इसलिए फेस मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और हाथों की धुलाई जैसे नियमों का पालन करते रहना आवश्यक है।

टीकाकरण को लेकर फैली भ्रांतियों को दूर करने का प्रयास

वेबिनार को संबोधित करते हुए सेंटर फोर एडवोकेसी एंड रिसर्च के प्रमंडलीय कार्यक्रम समन्वयक गणपत आर्यन कहा कि सारण में कोविड-19 वैक्सीन को लेकर समुदाय स्तर पर कार्य किया जा रहा है। समुदाय स्तर पर स्टोरी के माध्यम से टीकाकरण को लेकर फैली भ्रांतियों को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एक नई पहल की शुरुआत करते हुए सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च के द्वारा जिले में नुक्कड़ नाटक के माध्यम से भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वैसे व्यक्ति जो कोविड-19 का टीका ले चुके हैं उनके विचारों को जन समुदाय तक पहुंचाया जा रहा है ताकि अधिक से अधिक लोग टीकाकरण को लेकर जागरूक हो सके और इस मुहिम का हिस्सा बन सके।

वेबिनार का संचालन फील्ड आउटरीच ब्यूरो (एफओबी), छपरा के एफ़पीए सर्वजीत सिंह ने तथा धन्वाद ज्ञापन एफपीओ पवन कुमार सिन्हा ने किया। वेबिनार में रीजनल आउटरीच ब्यूरो (आरओबी), पटना के निदेशक विजय कुमार, प्रेस इंफार्मेशन ब्यूरो (पीआईबी), पटना के निदेशक दिनेश कुमार, सहायक निदेशक संजय कुमार, बिहार स्थित सभी एफओबी, आरओबी के अधिकारी एवं कर्मचारी सहित सारण जिले के स्वास्थ्य विभाग के लोग मौजूद थें।