पीएम मोदी ने देश के पहले ‘इंडिया टॉय फेयर’ का किया उद्घाटन, बोले मोदी-परिवार में प्ले टाइम की जगह स्क्रीन टाइम ने ली

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने  देश के पहले  द इंडिया टॉय फेयर 2021 का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये उद्घाटन किया। आत्मनिर्भर भारत अभियान में ‘वोकल फॉर लोकल’ के तहत देश को खिलौना निर्माण का वैश्विक हब बनाने के मकसद से शिक्षा मंत्रालय, महिला व बाल विकास मंत्रालय और कपड़ा मंत्रालय मिलकर इसका आयोजन करवा रहे हैं। भारत खिलौना मेला के लिए अभी तक 10 लाख से अधिक रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं. इसकी प्रदर्शनी में कारीगरों और स्कूलों से लेकर कंपनियों तक 30 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 1000 से ज्यादा एक्जीबिटर्स हिस्सा ले रहे हैं।’

खिलौनों का वैज्ञानिक पहलू समझना चाहिए

पीएम मोदी ने कहा कि परिवारों में प्ले टाइम की जगह स्क्रीन टाइम ने ले ली है। खिलौनों का वैज्ञानिक पहलू समझना चाहिए। स्कूल में इस पर प्रयोग करना चाहिए। हमारी नई शिक्षा नीति में प्ले आधारित शिक्षा को शामिल किया गया है। इसमें बच्चों में पहेलियों और खेलों के माध्यम से तार्किक क्षमता बढ़ाने पर जोर दिया गया है। सभी माता-पिता से अपील है कि बच्चों के साथ पढ़ाई में हिस्सा होते हैं, वैसे ही खेलों में शामिल होइए

संस्कृति को मजबूत करने की कड़ी

मोदी ने कहा, आप सभी से बात करके ये पता चलता है कि हमारे देश के खिलौना उद्योग में कितनी बड़ी ताकत छिपी हुई है। इस ताकत को बढ़ाना, इसकी पहचान बढ़ाना,आत्मनिर्भर भारत अभियान का बहुत बड़ा हिस्सा है। हम आज देश के पहले टॉय फेयर का हिस्सा बन रहे हैं। यह केवल एक व्यापारिक या आर्थिक कार्यक्रम भर नहीं है। यह देश की सदियों पुरानी खेल और उल्लास की संस्कृति को मजबूत करने की कड़ी है।

खिलौना और भारत का रचनात्मक संबंध बहुत पुराना

उन्होंने कहा कि खिलौनों और भारत का रचनात्मक संबंध बहुत पुराना है। पुराने समय में यात्री भारत आते थे, तो खिलौने लेकर जाते थे। हमारे धर्मग्रंथो में बाल राम के लिए कितने ही खिलौनों का वर्णन मिलता है। गोकुल में कृष्ण कंदुक से खेलने जाते थे। मंदिरों में खिलौनों को उकेरा गया है।