26 बीएड कॉलेजों की मान्यता रद्द कर सकता है राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद, जानिए पूरा मामला…..

मिथिला यूनिवर्सिटी के करीब 26 बीएड कॉलेजों पर शिक्षा विभाग का गाज गिरने वाला है। इन कॉलेजों पर परफॉर्मेंस एप्रेजल रिपोर्ट (पीएआर) जमा नहीं करने के कारण नामांकन पर रोक लगनेवाली है। सभी कॉलेजों के लिए राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने परफॉर्मेंस एप्रेजल रिपोर्ट भरना जरुरी कर दिया है।

अब नामांकन नहीं करा सकेंगे छात्र….
एनसीटीई की बैठक बुलाई गयी थी, जिसमें यह फैसला लिया गया कि परफॉर्मेंस एप्रेजल रिपोर्ट नहीं भरने वाले बीएड कॉलेजों में नामांकन नहीं करा सकेंगे। ऐसे में अब मिथिला विश्वविद्यालय के इन कॉलेजों में अब नामांकन नहीं हो सकेगा।

बीएड कॉलेजों की लिस्ट मांगी
एनसीटीई की ओर से आदेश जारी होने के बाद बीएड कॉलेजों की जिम्मेदारी संभाल रहे ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय प्रशासन ने सभी विश्वविद्यालयों को नोटिस जारी किया था। उनसे अफिलेशन मिले हुए सभी बीएड कॉलेजों की लिस्ट मांगी थी, जिसमें पूछा गया था कि आपके विश्वविद्यालय से अफिलेशन प्राप्त कितने बीएड कॉलेज ऐसे हैं, जिसने पीएआर जमा हो चूका है। विश्वविद्यालयों से मिली सूची के अनुसार बिहार में लगभग 26 कॉलेज ऐसे हैं जिन्होंने अभी तक पीएआर नहीं भरा है। ऐसे में ये सभी कॉलेज अब अपने यहां किसी विद्यार्थी का नामांकन नहीं करा सकेंगे।

कॉलेजों ने पीएआर जमा नहीं किया
ऐसे में इस साल बिहार में कुल 341 बीएड कॉलेज थे, जिसमें अब केवल 314 कॉलेजों में ही नामांकन हो सकेगा। बाकी कॉलेजों ने पीएआर जमा नहीं किया है। इसको लेकर परीक्षा के नोडल पदाधिकारी प्रो. अशोक कुमार ने बताया कि विश्वविद्यालयों से रिपोर्ट मांगी गई थी। कई विश्वविद्यालयों से रिपोर्ट मिले हैं। कुछ के रिपोर्ट बाकी है। एनसीटीई ने इसे जरुरी कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने खुद यह आदेश जारी किया है।

एक लाख 61 हजार छात्रों ने आवेदन दिया
वहीं, बीएड कॉलेज में नामांकन के लिए जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम के लिए एक लाख 61 हजार छात्रों ने आवेदन दिया है, जिसमें एक लाख 26 हजार छात्रों ने शुल्क की राशि भी जमा कर दी है। आवेदन करने की अंतिम तारीख मंगलवार तय की गई है।