मॉरिशस तेल रिसाव को लेकर वहां की सरकार ने भारत से मांगी मदद, भारत ने भेजा 30 टन से अधिक उपकरण

मॉरिशस में हुए तेल रिसाव के इस आपदा से निपटने के लिए वहां की सरकार ने भारत से मदद मांगी थी, जिसे लेकर मॉरिशस सरकार ने भारत सरकार से मदद मांगी। इसके बाद भारत सरकार ने मदद करने के लिए भारतीय वायुसेना के विमान के जरिए मॉरीशस के लिए 30 टन से अधिक तकनीकी उपकरण और सामग्री भेजी है। मॉरीशस की सरकार ने भारत से इस पर्यावरणीय संकट से निपटने के लिए सहायता मांगी थी। बइसकी जानकारी विदेश मंत्रालय ने दी।

भारत ने क्या-क्या भेजा ?

विदेश मंत्रालय ने कहा कि विशेष उपकरण जिसमें ओशन बूम, रिवर बूम, डिस्क स्किमर्स, हेली स्किमर्स, पावर पैक, ब्लोअर्स, साल्वेज बार्ज और ऑयल एब्जॉर्बेंट ग्राफीन पैड्स और अन्य सामान शामिल हैं जिन्हें विशेष रूप से ऑइल स्लीक, पानी से युक्त स्किम ऑइल को हटाने में प्रयोग किया जाता है और ये सफाई और बचाव कार्यों में सहायता करते हैं।
मंत्रालय ने कहा कि 10-सदस्यीय तकनीकी रिस्पांस टीम में भारतीय तटरक्षक बल के कर्मी शामिल हैं। ये टीम विशेष रूप से तेल रिसाव रोकथाम उपायों से निपटने के लिए प्रशिक्षित है। इन्हें मॉरीशस में तैनात किया गया है ताकि साइट पर आवश्यक तकनीकी और परिचालन सहायता का विस्तार किया जा सके।

25 जुलाई को चट्टान से टकरा गया जहाज

बता दें कि जापान के एक स्वामित्व वाले जहाज से कई टन तेल का रिसाव हो गया। यह विशाल जहाज 25 जुलाई को मॉरीशस के मूंगा-चट्टान से जा टकराया और इसका ढांचा तेज लहरों के साथ टूटना शुरू हुआ, जिसके बाद जहाज से तेल रिसाव शुरू हो गया। 6 अगस्त को करीब 1,000 टन तेल का रिसाव हो गया, जिससे संरक्षित समुद्री पार्क में मैंग्रोव वनों और विलुप्तप्राय प्रजातियों के लिए खतरा पैदा हो गया। रविवार के दिन सोशल मीडिया पर आधिकारिक तौर पर इस जहाज को फोटो साझा की गई, जिसमें दिखाया जा रहा है कि एमवी वाकाशियो दो टुकड़ों में बंट गया था।