श्री कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर देशभर में धूम, जानें पूजा की सही विधि और श्रृंगार

देशभर में आज श्री कृष्ण जन्माष्टमी की धूम है। हांलाकि कोरोना वायरस के कारण इस बार पहले जितना रौनक नहीं है, लेकिन बावजूद इसके भक्त तमाम नियमों का पालन कर रहे हैं। इस बार जन्माष्टमी मंदिर से ज्यादा घरों में मनायी जाएगी। हांलाकि भक्तों के सामने दुविधा ये है कि श्री कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर दो तारीखें बताई जा रही हैं। दरअसल, इस बार भी अष्टमी तिथि दो दिन है, 11 और 12 अगस्त को। वहीं ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि इस बार श्री कृष्ण जन्माष्टमी विशेष योग में मनाई जा रही है। 27 साल बाद यह पहला मौका है जब श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर बुधाष्टमी और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहे हैं। यानी 1993 के बाद यह पहली बार है जब श्री कृष्ण जन्माष्टमी बुधवार और सर्वार्थ सिद्धि योग में मनाई जाएगी।

कौन से श्रृंगार से कृष्ण को रिझाएं ?

श्री कृष्ण के श्रृंगार में फूलों का खूब प्रयोग करें. पीले रंग के वस्त्र, गोपी चन्दन और चन्दन की सुगंध से इनका श्रृंगार करें. श्री कृष्ण के श्रृंगार में इस बात का ध्यान रखें कि वस्त्र से लेकर गहनों तक कुछ भी काला नहीं होना चाहिए. काले रंग का प्रयोग बिल्कुल न करें. वैजयंती के फूल अगर कृष्ण जी को अर्पित किए जाएं तो सर्वोत्तम होगा.

क्या होगा प्रसाद?

जन्माष्टमी के प्रसाद में पंचामृत जरूर अर्पित करें. उसमें तुलसी दल भी जरूर डालें. मेवा, माखन और मिसरी का भोग भी लगाएं. कहीं-कहीं धनिये की पंजीरी भी अर्पित की जाती है. इस दिन श्रीकृष्ण को पूर्ण सात्विक भोजन अर्पित किए जाते हैं, जिसमें तमाम तरह के व्यंजन हों।