मीडिया लोकतंत्र के महत्त्वपूर्ण स्तंभ हैं, उच्च न्यायालयों में चर्चाओं पर रिपोर्टिंग करने से उसे नहीं रोका जा सकता है: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मीडिया लोकतंत्र के एक पिलर में से है। उच्च न्यायालयों में चर्चाओं पर रिपोर्टिंग करने से उसे नहीं रोका जा सकता है।

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को येे बातेे निर्वाचन आयोग के खिलाफ उच्च न्यायालय की टिप्पणी पर कहीं। साथ ही बताया, “हम उच्च न्यायालयों को निरुत्साहित नहीं करना चाहते, क्योंकि वे लोकतंत्र के महत्त्वपूर्ण स्तंभ हैं।” सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट की आलोचनात्मक टिप्पणियों के खिलाफ चुनाव आयोग की याचिका पर कहा, “कोविड-19 के वक्त में जमीनी हालातों से न्यायाधीश खुद भी बहुत परेशान हैं।”

इस पर आयोग ने कहा- कोविड-19 प्रबंधन हमारी समस्या नहीं है, लेकिन तमिलनाडु में चुनावों के 20 दिन बाद, उच्च न्यायालय कह रहा है कि हम पर हत्या का आरोप लगना चाहिए। हमारे खिलाफ हत्या के आरोपों वाली मद्रास उच्च न्यायालय की टिप्पणी को लेकर मीडिया में लगातार चर्चा हो रही है। टॉप कोर्ट ने इस पर जवाब दिया, “इसे अच्छी भावना से लें, आपने अच्छा काम किया है।”

सुप्रीम कोर्ट ने ईसी के लिए पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी से कहा, “निर्वाचन आयोग को कृपया बताएं कि मद्रास उच्च न्यायालय की कोशिश संस्थान को कमतर दिखाने की नहीं थी।” हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कोविड-19 के मामले बढ़ने के लिए जिम्मेदार ठहराने और उसके अधिकारियों पर हत्या के आरोप लगाने संबंधी टिप्पणी के खिलाफ दायर निर्वाचन आयोग की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा।