नई दिल्ली। दिल्ली सरकार नरेला क्षेत्र स्थित सन्नोठ झील को पिकनिक स्पॉट के रूप में तब्दील करेगी। वहां खेल मैदान, पिकनिक गार्डन, पैदल मार्ग, छठ पूजा घाट और जिम जैसी सुविधाएं होंगी।
यहां करीब छह एकड़ में फैली झील का कायाकल्प किया जा रहा है। दिल्ली सरकार ने इस झील को इस साल के अंत तक विकसित करने का लक्ष्य रक्षा है। यह जानकारी सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के मंत्री सत्येंद्र जैन ने दी। उन्होंने अधिकारियों के साथ मंगलवार को झील का मुआयना किया।
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सत्येंद्र जैन ने बताया कि झील को सरकार आधुनिक तकनीकों के साथ पुनर्जीवित कर रही है। बवाना कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) से लगभग तीन एमजीडी पानी को रिसाइकल करके झील को जीवंत करने के लिए इस्तेमाल में लाया जाएगा। यहां बच्चों के लिए खेल का मैदान, पिकनिक गार्डन, पैदल मार्ग, छठ पूजा घाट और जिम जैसी सुविधाएं आम जनता के लिए होंगी। झील के चारों ओर नीम, सेमल, चंपा, और बबूल आदि पौधे भी रोपे जा रहे हैं। इस परियोजना को दिल्ली सरकार का सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग संचालित कर रहा है। झील बनने से न केवल भूजल को रिचार्ज करने में मदद मिलेगी, बल्कि इस क्षेत्र में एक इकोसिस्टम का भी निर्माण होगा। दिल्ली सरकार राजधानी के प्रमुख झीलों और जल निकायों को जीवंत कर रही है। इससे पहले, रजोकरी झील और संजय वन झील को पुनर्जीवित किया जा चुका है।
बवाना एस्केप ड्रेन की सफाई करने के निर्देश
मंत्री सत्येंद्र जैन ने दिल्ली स्टेट इंडस्ट्रियल एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (डीएसआईआईडीसी) और सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग (आई एंड एफसी) के अधिकारियों को बवाना एस्केप ड्रेन की सफाई करने के निर्देश दिए। बवाना एस्केप ड्रेन की सफाई का कार्य डीएसआईआईडीसी और आईएंडएफसी संयुक्त रूप से करेंगे। डीएसआईआईडीसी यह सुनिश्चित करेगा कि कोई भी अनुपचारित या अनधिकृत नाला बवाना एस्केप ड्रेन में न गिरे, जबकि आईएंडएफसी यह देखेगा कि नालों में बहने वाले पानी की गुणवत्ता को नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल की ओर से निर्धारित गुणवत्ता मापदंडों के अनुसार सुधारा जाए। सत्येंद्र जैन ने कहा कि नाले में बहने वाले गंदे पानी को ट्रीट करने की क्षमता को बढ़ाने के लिए फ्लोटिंग वेटलैंड और एरेटस के साथ वियर भी बनाए जाएं।
घोगा ड्रेन के प्राकृतिक एसटीपी की क्षमता 50 लाख लीटर होगी
जल मंत्री सत्येंद्र जैन ने घोगा ड्रेन में प्राकृतिक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का भी दौरा किया। यह एसटीपी वेटलैंड प्रणाली पर आधारित है और बिना बिजली के प्रतिदिन 10 लाख लीटर गंदे पानी को साफ करता है। सत्येंद्र जैन ने कहा कि इस एसटीपी की गंदे पानी को साफ करने की क्षमता 10 लाख लीटर प्रतिदिन से बढ़ाकर 50 लाख लीटर प्रतिदिन करने के निर्देश दिए। उन्होंने रिसाइकल किए गए पानी का उपयोग नजदीक के क्षेत्र में एक झील बनाकर भूजल को रिचार्ज करने के लिए आदेश दिया
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