राजस्थान के चुरू जिले में सालासर हनुमान जी मंदिर के प्रवेश द्वार को जेसीबी से गिराए जाने के बाद अब विवाद शुरू हो गया और लोग गहलोत सरकार पर निशाना साध रहे हैं। अशोक गहलोत के इस कदम का लोग जमकर आलोचना कर रहे हैं। ऐतिहासिक प्राचीन मंदिर के प्रवेश द्वार को गिराए जाने से हिंदू समाज के लोग में बहुत ज्यादा आक्रोश नजर आ रहा है।
जिले के सालासर-सुजानगढ़ में राम दरबार की मूर्ति लगे द्वार को बुलडोजर से ध्वस्त किए जाने के बाद सुजानगढ़ सहित आसपास क्षेत्र के बीजेपी और हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने देर शाम को सुजानगढ़ सालासर मार्ग पर जाम लगा दिया।
बीजेपी कार्यकर्ताओं और हिंदू संगठनों के लोग धरने पर बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ करने लगे। इस दौरान दोनों तरफ सैकड़ों वाहनों की कतारें लग गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने लोगों को समझाने की कोशिश की लेकिन धरने पर बैठे लोग उच्चाधिकारियों को मौके पर बुलाने की मांग करने लगे।
दरअसल सालासर-सुजानगढ़ में फोरलेन सड़क बनाने के लिए इस रोड को चौड़ा किया जाना था। इसी दौरान पीडब्ल्यूडी के ठेकेदार ने प्रवेश द्वार को गिरा दिया। पूरे मामले को लेकर उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि वो इस मामले को लेकर आंदोलन करेंगे और इसे विधानसभा में भी उठाएंगे।
वहीं इस मामले को लेकर कोई भी प्रशासनिक अधिकारी कुछ भी कहने को तैयार नहीं हुए। जिला कलेक्टर की बात करें तो वो भी होली मनाने के लिए जिले से बाहर गए हुए हैं।
विवाद बढ़ता देखकर इस मुद्दे पर राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश जरूर की।
उन्होंने कहा, यह आस्था का विषय है और उसका ख्याल रखा जाना चाहिए था। जिन अधिकारियों ने इस तरह का कृत्य किया है उनके खिलाफ कार्रवाई होगी और यदि यह अनजाने में हुआ है तो उन अधिकारियों को माफी मांगनी चाहिए।
उन्होंने कहा, मैं भगवान राम का वंशज हूं। हम भगवान राम की पूजा करते हैं और देश राम का है। भगवान राम का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा, मामले की जांच जारी है और अपराधियों को बख्सा नहीं जाएगा।
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