पश्चिम बंगाल में एक बार फिर ममता और राज्यपालआमने सामने, चुनाव के बाद की हिंसा पर कहा उस समय चुनाव आयोग था कानून और व्यवस्था तंत्र का प्रभारी

पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार और राज्यपाल जगदीप धनखड़ एक बार फिर बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसा को लेकर आमने-सामने दिखाई दे रहे हैं। दरअसल, धनखड़ ने सीएम ममता को एक पत्र लिखकर बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसा पर चुप्पी तोड़ने की अपील की थी। जिसे अब राज्यपाल ने सार्वजनिक कर दिया है इसपर बंगाल की ममता सरकार भड़क गई है।

बंगाल के गृह विभाग की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि पश्चिम बंगाल सरकार को यह देखकर निराशा और हैरानी हुई कि माननीय राज्यपाल ने अचानक पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री को लिखे पत्र को सार्वजनिक कर दिया है, जिसमें लिखी गई बातें तथ्यों के अनुरूप नहीं हैं। ममता सरकार के गृह विभाग ने नाराजगी जताते हुए कहा कि बातचीत का यह तरीका नियमों के खिलाफ है। सीएम ममता बनर्जी को लिखे गए पत्र को पब्लिक मीडिया में ट्वीट के जरिए जारी कर दिया गया। यह ऐसे संवाद की विश्वसनीयता को बाधित करता है।

गृह विभाग की तरफ से यह भी कहा गया है कि पब्लिक में जाने के लिए अपना गए इस असामान्य तरीके से सरकार को हैरानी हुई है। हैरानी का सबसे बड़ा कारण यह है कि पत्र में लिखी गई बातें तथ्यों के आधार पर सही नहीं है।

ममता सरकार ने साफ करते हुए कहा कि चुनाव आयोग, कानून और व्यवस्था तंत्र का प्रभारी था। जिस समय चुनाव के बाद हिंसा की घटनाएं हुईं थीं। शपथ ग्रहण के बाद सरकार ने स्थिति पर काबू पाया और हालात सामान्य हुए। कानून विरोधी तत्वों पर नियंत्रण पाया गया। राज्य पुलिस को सभी असामाजिक तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है। सरकार, राज्य में कानून व्यवस्था और शांति बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।