उत्तरप्रदेश की सियासत में गर्माया कयासों का बाजार, शिवपाल यादव थाम सकते हैं भाजपा का दामन।

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में जसवंत नगर से प्रचंड जीत दर्ज करने वाले प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल यादव इन दिनों सुर्खियों में बने हुए हैं। हाल ही में सीएम योगी आदित्यनाथ से उनकी मुलाकात के बाद ऐसी अटकलें लगाई जा रहीं थी कि जल्द वह बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। इन अटकलों को फिर से हवा तब मिल गई, जब उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी,
सीएम योगी आदित्यनाथ और पूर्व डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा को फॉलो करना शुरू कर दिया।

बीजेपी में शामिल हो सकते हैं शिवपाल?

दरअसल, समाजवादी पार्टी के टिकट पर इटावा की जसवंतनगर विधानसभा सीट से चुनाव लड़कर विधायक बने प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव को लेकर इन दिनो उत्तरप्रदेश की सियासत में जबरदस्त हलचल मचा हुआ है। दरअसल, शिवपाल यादव के भतीजे और सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव से नाराज चल रहे उनके चाचा शिवपाल हाल ही में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करने पहुंचे थे। इसके बाद से उनके बीजेपी में शामिल होने की अटकलें तेज हो गई थीं। सीएम योगी से मिलने लखनऊ पहुंचे थे शिवपाल यादव।

क्या कहते हैं शिवपाल यादव।

हालांकि, इस संबंध में मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि यह कोई राजनीतिक मुलाकात नहीं थी। यह एक शिष्टाचार भेंट थी। मगर शिवपाल सिंह यादव की यह मुलाकात इन दिनों उत्तरप्रदेश की राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है।

दरअसल, 26 मार्च को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपनी पार्टी के सभी विधायकों को बैठक के लिए आमंत्रित किया था। शिवपाल सिंह यादव भी इसमें शामिल होने के लिए लखनऊ पहुंचे थे। मगर उन्हें इस बैठक में शामिल होने के लिए आमंत्रित नहीं किया गया था।

समाजवादी पार्टी ने शिवपाल को न बुलाने पर दी सफाई


हालांकि, सपा की ओर से इस संबंध में आधिकारिक बयान दिया गया था कि 26 मार्च को हुई बैठक सपा विधायकों की थी। शिवपाल चूंकि उनके सहयोगी दल प्रसपा के अध्यक्ष हैं इसी वजह से उन्हें 28 मार्च की मीटिंग में आमंत्रित किया जाएगा। शिवपाल यादव को बैठक का निमंत्रण नही दिया जाना उनको इतना खटक गया कि 28 मार्च को सपा की सहयोगी दलों के साथ हुई बैठक में भी वे शामिल नहीं हुए। उन्होंने विधानसभा सदस्य की सदस्यता की शपथ भी अकेले ही 30 मार्च को ली है। ऐसे में उनके तेवर बागी ही नजर आ रहे हैं और ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि शिवपाल यादव भाजपा का दामन थाम सकते हैं।