जीतनराम मांझी ने रामविलास पासवान की मौत पर उठाए सवाल, तो चिराग ने कहा- शर्म आनी चाहिए

पूर्व केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान के निधन के बाद यह सियासी मुद्दा बन गया है। हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने इस मामले की न्यायिक जांच की मांग को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चिट्ठी लिखी है। वहीं जीतनराम मांझी के इस कदम की चिराग पासवान ने आलोचना की है। उन्होंने कहा कि जांच की मांग करने वालों को शर्म आनी चाहिए।

जीतनराम मांझी ने क्या कहा ?

पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा, रामविलास पासवान की मौत की न्यायिक जांच होनी चाहिए। पासवान राज्य के बड़े नेता थे और केंद्रीय मंत्री भी थे। उनके स्वास्थ्य को लेकर कोई मेडिकल बुलेटिन जारी नहीं हुआ। उनकी मौत की खबर भी देर से दी गई। इसलिए इस मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए।
हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के प्रवक्ता डॉ दानिश रिजवान ने लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के अध्यक्ष चिराग पासवान पर सवाल खड़े किए हैं। रिजवान ने कहा, देश की जनता ये जानना चाहती है कि आखिर चिराग पासवान रामविलास पासवान से जुड़ी कौन सी जानकारी छिपा रहे हैं।

चिराग पर लगाये कई आरोप

पत्र में कहा गया कि लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान उनके अंतिम संस्कार के दूसरे दिन ही एक शूटिंग के दौरान ना केवल हस्ते मुस्कुराते दिखाई दिए, बल्कि शूटिंग भी की। ऐसे में रामविलास जी के प्रशंसकों एवं परिजनों के बीच कई तरह के सवाल उठने लगे हैं। दानिश रिजवान ने पत्र में कहा कि किसी केंद्रीय मंत्री के अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान आखिर किसके कहने पर अस्पताल प्रशासन ने रामविलास पासवान का मेडिकल बुलेटिन जारी नहीं किया। आखिर किसके कहने पर अस्पताल प्रशासन ने राम विलास पासवान से सिर्फ तीन लोगों को ही मिलने की इजाजत दी थी।

जांच की मांग करने वालों को शर्म आनी चाहिएः चिराग पासवान

पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की मौत की न्यायिक जांच के लिए लिखे गए पत्र को लेकर लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा, जो लोग एक बेटे के बारे में ऐसी बातें कर रहे हैं उन्हें खुद पर शर्म आनी चाहिए। मैंने मांझी जी को फोन पर अपने पिता की गंभीर स्थिति के बारे में बताया है, फिर भी वह कभी मेरे बीमार पिता को देखने नहीं आए।