उर्स के मौके पर मुख्यमंत्री ने मनेर शरीफ जाकर सूफी संत हजरत मख़दूम शाह कमालुद्दीन अहमद याहिया मनेरी के मज़ार पर की चादरपोशी।





मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज मनेर शरीफ स्थित सूफी संत हज़रत सुल्तानुल मख़दूमीन सय्यिदुना शाह कमालुद्दीन अहमद याहिया मनेरी रहमतुल्लाह अलैह के 753वें उर्स मुबारक के मौके पर बड़ी दरगाह स्थित उनकी मजार पर चादरपोशी की और राज्य में सद्भाव, समृद्धि, अमन-चैन और खुशहाली कायम रहने की दुआयें मांगी।



मनेर शरीफ पहुँचकर मुख्यमंत्री ने सबसे पहले सूफी संत हज़रत सुल्तानुल मख़दूमीन सय्यिदुना शाह कमालुद्दीन अहमद याहिया मनेरी रहमतुल्लाह अलैह के 753वें उर्स मुबारक के मौके पर ‘तजकीरा मख्दूम-ए- मनेर पुस्तक का लोकार्पण किया। खानकाह में मुख्यमंत्री को टोपी भेंटकर उनका अभिनन्दन किया गया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने आस्तान-ए-हज़रत सुल्तानुल मख़दूमीन सय्यिदुना मखदूम शाह कमालुद्दीन अहमद याहिया मनेरी की मजार पर चादरपोशी की एवं दुआयें मॉगी।

इस अवसर पर मनेर शरीफ खानकाह के सैयद शाह तारिक ऐनायतुल्लाह फिरदौसी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, अपर मुख्य सचिव पथ निर्माण प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त परामर्शी मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, जिलाधिकारी चन्द्रशेखर सिंह, वरीय पुलिस अधीक्षक मानवजीत सिंह ढिल्लो सहित अन्य अधिकारीगण, उर्स मुबारक में आये साथ ही श्रद्धालुओं के साथ बड़ी संख्या में आमलोग इस मौके पर उपस्थित हुए।

चादरपोशी के बाद पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हम तो सम्मान प्रकट करने के लिए यहां आते रहते हैं। यहां कई वर्षों से आ रहे हैं। बीच में कोरोना के चलते कहीं आना-जाना बंद हो गया था, फिर से इस बार यहां आकर चादरपोशी करने का अवसर मिला, इसको लेकर बहुत खुशी है। आप तो जानते ही हैं कि मैं हमेशा यहां चरणस्पर्श करता हूं। अमन चैन के लिए दुआ तो करते ही हैं। आप देख रहे हैं कि किस तरह से बिहार में आपस में प्रेम और भाईचारे के माहौल को बनाने के लिए हम काम करते रहते हैं।

आपको बताते चले कि अमन चैन की बात करने वाले बिहार के मुख्यमंत्री इन दिनों नफरत और कड़वाहट की वजह से सुर्खियों का केंद्र बने हुए हैं। विधान सभा में ही विधान सभा के अध्यक्ष से उनका इस तरह बात करना। किसी भी प्रकार से सराहनीय नही है।