अक्टूबर के मूल्यांकन में पिछड़ गए 19 जिलों के अपर समाहर्ता नहीं कर पाए 60 अंक हासिल, बांका के एडीएम को मिला पहला स्‍थान…

राजस्व एवं भूमि विभाग ने जिलों में तैनात अपर समाहर्ताओं के कामकाज का मूल्यांकन किया तो पता चला कि आधे अपर समाहर्ता सौ में से 60 अंक हासिल नहीं कर पाए। यह मूल्यांकन अक्टूबर के कामकाज पर आधारित है। सौ में से 35 अंक म्युटेशन के मामलों के निबटारे के लिए है। यह ऐसा विषय है, जिसको लेकर विभाग की सबसे अधिक बदनामी हो रही है।

म्युटेशन के मामले में सरकार गंभीर है….

विभागीय मंत्री आलोक कुमार मेहता ने कहा है कि म्युटेशन उनकी प्राथमिकता में है। अच्छी उपलब्धि हासिल करने वाले अधिकारियों के लिए पुरस्कार और लक्ष्य हासिल करने में पिछड़ गए अधिकारियों के लिए दंड की व्यवस्था की गई है। बांका के अपर समाहर्ता आनंद कुमार सिंह को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। सूत्रों ने बताया कि विभाग अब और कोताही बरतने के मूड में नहीं है। तय यह हुआ है कि खराब काम करने वाले अधिकारियों के खिलाफ दो स्तर पर कार्रवाई होगी। राजस्व के अधिकारियों के खिलाफ विभाग खुद कार्रवाई करेगा। बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए सामान्य प्रशासन विभाग को लिखा जाएगा।

इन -इन जिलों को मिले 60 से कम अंक….

सिवान, वैशाली, दरभंगा, अरवल, लखीसराय, मुजफ्फरपुर, मुंगेर, जमुई, शेखपुरा, रोहतास, मधुबनी, पश्चिमी चंपारण, औरंगाबाद, बेगूसराय, भोजपुर, गोपालगंज, खगड़िया, सहरसा एवं अररिया। इन्हें 40.91 से 58.65 प्रतिशत अंक मिले। (म्यटेशन में पूर्णांक है। इन जिलों के अपर समाहर्ताओं को मिले 60 से कम अंक)

अंचल निरीक्षण भी नहीं कर पाए इन जिलो के अपर समाहर्ताओं…

अंचलों का निरीक्षण निरापद विषय है। अंचल कार्यालयों में जाकर पन्ना पलटना होता है।लेकिन, इसमें भी कैमूर, कटिहार, शिवहर, वैशाली, लखीसराय, मुजफ्फरपुर, मुंगेर, जमुई, शेखपुरा, रोहतास, औरंगाबाद, बेगूसराय, भोजपुर, गोपालगंज, खगड़िया, सहरसा और अररिया के अपर समाहर्ताओं को शून्य अंक मिले हैं। यानी इन जिलों के अपर समाहर्ताओं ने एक भी दिन किसी अंचल का निरीक्षण नहीं किया है। सरकार ने इनका काम भी बढ़ा दिया है। अब इन्हें अंचलों के अलावा हलकों के निरीक्षण की भी जिम्मेवारी दी गई है।