दिल्ली में हिंसा, ट्रंप के सामने भारत की छवि खराब करने की साजिश

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के भारत दौरे के दौरान दिल्ली में हुई हिंसा को दिल्ली पुलिस ने साजिश बताया है। आपको बता दें कि नागरिकता कानून के विरोध के दौरान विरोधी और समर्थन के दो गुटों में भीड़ंत हो गयी, जिसमें हेड कॉन्सटेबल समेत 5 लोगों की मौत हो गयी। इस घटना में 100 से अधिक लोग घायल भी हो गये हैं।
पुलिस ने बताया कि डोनल्ड ट्रंप के दिल्ली पहुंचने से कुछ घंटे पहले हीं यह हिंसा भड़क उठी। पुलिस ने कहा कि इसका माहौल गुरूवार रात से ही बनाना शुरू कर दिया गया था।

शाहीनबाग से गुड इमेज, हिंसा की पटकथा दूसरी जगह

अधिकारियों के मुताबिक, शाहीन बाग में काफी दिनों से सुप्रीम कोर्ट के वार्ताकार लोगों से बात कर रहे थे। ऐसे में वहां शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन की इमेज बनाए रखने के लिए दूसरी जगहों पर हिंसक प्रदर्शन की पटकथा लिखी गई। स्पेशल ब्रांच सूत्रों की ओर से दावा किया गया है कि ट्रम्प की भारत यात्रा को लेकर पहले से ही अंदेशा था कि माहौल को जान-बूझकर खराब किया जा सकता है। पुलिस सूत्रों का कहना है इस हिंसक घटना के पीछे बाहरी शक्तियां शामिल हो सकती हैं। इन मंसूबों को पूरा करने के लिए कम उम्र के युवाओं को मोहरा बनाया गया।

वीडियो से खोज निकालेंगे-पुलिस

पुलिस की टीम उपद्रवियों की पहचान के लिए 30 वायरल वीडियो और फोटो को खंगाल रही। इनसे चार हजार से ज्यादा उपद्रवियों के बारे में अहम जानकारी मिलेगी। दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने इन वीडियो और तस्वीरों को कब्जे में ले लिया है। पुलिस इनकी पहचान के लिए मुखबिर तंत्र की भी मदद ले रही है। जिनके बारे में स्टीक जानकारी मिल जाने पर पुलिस उन्हें मामले में गिरफ्तार करेगी। सीएए के विरोध और समर्थंन में भड़काई गई हिंसा में 100 से ज्यादा नामजद हैं। जिनमें कई क्षेत्रीय स्तर के नेता भी बताए जा रहे हैं। नेताओं के नाम भी बताए जा रहे हैं। पुलिस को शक है जो नकाबपोश बवाल करते नजर आ रहे हैं, वे इस हिंसक घटनाओं के पीछे के साजिशकर्ताओं के बड़े मोहरे हो सकते हैं।

पुलिस से चूक हुई, नहीं तो ये दिन देखना न पड़ता

दिल्ली में हिंसा की घटना पुलिस की बड़ी नाकामी है। पुलिस ने वक्त रहते कार्रवाई नहीं की, जिसका खामियाजा निर्दोष पुलिसकर्मी को उठाना पड़ा। दिल्ली पुलिस से रिटायर्ड अधिकारी ने माना कि शुरू से ही पुलिस का रवैया ढुलमुल वाला रहा। एक रिटायर्ड पुलिस अधिकारी ने कहा शाहीनबाग में जिस दिन लोगों ने सड़क को ब्लॉक किया था, तभी उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए थी। पुलिस ने तभी एक्शन लिया होता तो आज यह दिन नहीं देखना पड़ता।