आईसीएमआर के अधिकारियों ने बताया कि देश में कोरोना महामारी के फैलने के बाद से 23 जून तक 73.5 लाख से अधिक नमूनों की जांच की गई है और मंगलवार को एक दिन में सबसे ज्यादा 2.5 लाख जांच की गई। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने देश में कोविड-19 की जांच के लिए अब तक 1,000 प्रयोगशालाओं को अनुमति दी है। वर्तमान में प्रति दिन तीन लाख नमूनों की जांच हो सकती है। जांच के लिए कुल 1,000 प्रयोगशाला में 730 सरकारी और 270 निजी क्षेत्र की हैं। इसमें आरटी-पीसीआर लैब (557), ट्रूनेट लैब (363) और सीबीएनएएटी लैब (80) भी शामिल हैं।
त्वरित जांच के लिए परीक्षण की क्षमता को बढ़ाने की जरूरत
आईसीएमआर ने मंगलवार को जारी परामर्श में कहा, ‘इतनी कोशिशों के बावजूद भारत जैसे बड़े देश में जांच तक पहुंच एक बड़ी चुनौती है। त्वरित जांच के लिए परीक्षण की क्षमता को बढ़ाने की जरूरत है।’ कुछ खास स्थिति में एंटीबॉडी टेस्ट के साथ सीरोसर्वे जांच भी की जाती है। इसके मद्देनजर देश के विभिन्न भागों में जांच की उपलब्धता बढ़ाने के लिए अन्य जांच पद्धति को शामिल करने का सुझाव दिया गया है।
रैपिड एंटीजन जांच के इस्तेमाल को भी मंजूरी
कोविड-19 की जांच के लिए आरटी-पीसीआर सबसे मानक परीक्षण है और नतीजे मिलने में चार-पांच घंटे लगते हैं। आईसीएमआर ने हाल में कोरोना वायरस संक्रमण के लिए रैपिड एंटीजन जांच के इस्तेमाल को भी मंजूरी दी है। इससे 30 मिनट में जांच के नतीजे आ जाते हैं।
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