पीएम मोदी ने बिहार को दी बड़ी सौगात, कोसी महासेतु समेत 13 नई रेल परियोजनाओं का किया उद्घाटन, नीतीश की खुब की तारीफ

बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले पीएम मोदी ने बिहार को बड़ी सौगात दी है, पीएम मोदी ने कोसी महासेतु समेत 13 नई रेल परियोजनाओं का उद्घाटन किया. इन परियोजनाओं का उद्घाटन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से करते हुए पीएम ने कहा कि भूकंप की आपदा ने मिथिला और कोसी को अलग किया था, आज कोरोना महामारी के बीच इन दोनों को फिर से जोड़ा जा रहा है. ये प्रोजेक्ट अटल जी और नीतीश बाबू का ड्रीम प्रोजेक्ट है.  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिथिलांचल को जोड़ने वाले कोसी रेल महासेतु का उदघाटन किया.

बिहार के साथ पूर्वी भारत के लोगों को मिलेगा लाभ

इस दौरान पीएम मोदी ने अपने संबोधन में यहां कहा कि रेल कनेक्टविटी के क्षेत्र में आज इतिहास रचा गया. इन प्रोजेक्ट्स से बिहार के साथ-साथ पश्चिम बंगाल और पूर्वी भारत के लोगों को इससे लाभ मिलेगा.

उन्होंने कहा कि भारत की रेल कनेक्टिविटी भी मजबूत होगी.  बिहार सहित पूर्वी भारत के करोड़ों रेल यात्रियों को मिलने जा रही इन नई और आधुनिक सुविधाओं के लिए सबको बहुत-बहुत बधाई देता हूं. बिहार में गंगा जी हो कोसी हो सोन हो नदियों के विस्तार के कारण बिहार के अनेक हिस्से एक दूसरे से कटे हुए रहे बिहार के करीब-करीब हर हिस्से के लोगों की एक बड़ी दिक्कत रही हैं. नदियों की वजह से होने वाला लंबा सफर लोगों को परेशानी में डालता था.

पीएम ने कहा कि जब नीतीश जी रेल मंत्री थे उन्होंने भी इस समस्या को दूर करने के लिए बहुत प्रयास किया लेकिन दूसरी सरकार आने के बाद एक लंबा समय आया जब ज्यादा काम ही नहीं किया गया. बिहार के करोड़ों लोगों की इस बड़ी समस्या के समाधान के साथ हम आगे बढ़ रहे है.  पिछले 5 साल में एक के बाद कार्य कर  इस समस्या के हल की तरफ तेजी से कदम आगे बढ़ाए गए.  4 वर्ष पहले उत्तर और दक्षिण बिहार को जोड़ने वाले दो महासेतु एक पटना में और दूसरा मुंगेर में शुरू किए गए.  इन दोनों के चालू हो जाने से उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार के बीच लोगों का आना जाना सुगमतापूर्वक हो गया. उन्होंने कहा कि वैशाली के रेल मार्ग से जुड़ने के कारण पर्यटकों को काफी बढ़ावा मिलेगा.

यह प्रोजेक्ट श्रद्धेय अटल जी और नीतीश बाबू का ड्रीम प्रोजेक्ट

और अब कोसी क्षेत्र को जोड़ने वाला महासेतु  भी बिहार वासियों की सेवा में समर्पित है. उन्होंने आगे कहा कि लगभग 60 दशक पहले भूकंप की भीषण आपदा ने मिथिला और कृषि क्षेत्र को अलग कर दिया था. वैसे यह महासेतु और यह प्रोजेक्ट श्रद्धेय अटल जी और नीतीश बाबू का ड्रीम प्रोजेक्ट भी रहा है जब 2003 में नीतीश जी रेल मंत्री थे और श्रद्धेय अटल जी प्रधानमंत्री का नई कोसी रेल लाइन परियोजना की परिकल्पना की गई इसका उद्देश्य ही था कि मिथिला और कोसी क्षेत्र के लोगों की दिक्कतों को दूर किया जाना. इसी सोच के साथ 2003 में अटल जी द्वारा इस परियोजना का शिलान्यास किया गया लेकिन अगले वर्ष अटल जी की सरकार चली गई रेल लाइन परियोजना की रफ्तार भी इसके बाद थम गई. दूसरी सरकार के  वक्त  बिहार के लोगों के लिए तेजी से काम हुआ होता तो ये परियोजनाएं कबके पूरी हो गयी होती.  इस दौरान रेल मंत्रालय किसके पास था किसकी सरकार थी इसके विस्तार में नहीं जाना चाहता लेकिन सच्चाई यही है कि जिस रफ्तार से पहले काम हो रहा था उसी रफ्तार से 2000 के बाद में काम हुआ होता तो आज का यह दिन पता नहीं कब आता.  कितने साल लग जाते ! कितने दशक लग जाते हो सकते हो रोकने के लिए आधुनिक टेक्नोलॉजी

हसनपुर ट्रेन सेवा शुरू होने से सुपौल अररिया और सहरसा जिले के लोगों को बहुत लाभ होगा यही नहीं इससे नॉर्थ ईस्ट के साथियों के लिए एक वैकल्पिक रेल मार्ग भी उपलब्ध हो जाए कोसी और मिथिला क्षेत्र के लिए यह महासेतु सुविधा का साधन तो है ही इस पूरे क्षेत्र में व्यापार कारोबार में बढ़ोतरी होगी. पीएम ने किसानों के लिए जितने ,एनडीए सरकार ने किया उतना किसी सरकार ने नहीं किया.

एनडीए सरकार में किसानों का हुआ विकास

पीएम मोदी ने सीएम नीतीश कुमार का तारीफ करते हुए कहा कि अब नए प्रावधान लागू होने के कारण किसान अपनी फसल वह देश के किसी भी बाजार में अपनी मनचाही कीमत पर बेच सकेगा.  यह हमारे कॉपरेटिव कुछ उत्पादक संघ और बिहार में चलने वाले जीविका जैसे महिला स्वयं सहायता समूह के लिए सुनहरा अवसर लेकर आया है. उन्होंने कहा कि नीतीश जी भी इस कार्यक्रम में मौजूद है वह भली-भांति समझते हैं कि एपीएमसी से किसानों का क्या क्या नुकसान होता रहा यही वजह है कि बिहार का मुख्यमंत्री बनने के बाद अपने शुरुआती वर्षों में ही नीतीश ने बिहार में इस कानून को हटा दिया जो काम कभी बिहार ने करके दिखाया था आज देश उस रास्ते पर चल पड़ा किसानों के लिए जितना एनडीए शासन में पिछले 6 वर्षों में किया गया है उतना पहले कभी नहीं किया गया किसानों को होने वाली परेशानी को समझते हुए एक को दूर करने के लिए निरंतर प्रयास किया देश के किसानों को बीज खरीदने में खाद खरीदने में अपनी छोटी-छोटी जरूरतों को पूरा करने के लिए किसी से लेना पड़े इसके लिए प्रधानमंत्री किसान कल्याण योजना शुरू की गई थी इस योजना के तहत देश के 10 करोड़ किसानों के खाते में करीब करीब 100000 करोड रुपए एक लाख करोड़ के सीधे किसानों के खाते में ट्रांसफर किए थे किसानों को किसानों से अटकी पड़ी
करीब ₹100000 खर्च किए जा रहे हैं यूरिया जिसके लिए लंबी-लंबी लाइने लगती थी जो किसानों के खेत में कम और फैक्ट्रियों में ज्यादा आसानी है आसानी से पहुंच जाता था अब उसकी शत प्रतिशत वोटिंग की देश में बड़े स्तर पर कॉलेज का नेटवर्क दिया जा रहा है.

इस मौके पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री को बधाई देते हुए कहा कि कोसी महासेतु से उनका भावनात्मक लगाव रहा है. सीएम ने भारतीय रेलवे इंजीनियरिंग कॉलेज के चालू करवाने का आग्रह किया. साथ ही केंद्र द्वारा   बिहार में विकास के कार्यों की सराहना की.

इस कार्यक्रम में डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी, रेल मंत्री पीयूष गोयल ,केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, गिरिराज सिंह, नित्यानंद राय, बिहार के राज्यपाल फागू चौहान समेत अन्य लोग भी मौजूद रहे.