काशी-महाकाल एक्सप्रेस में भगवान शिव की मंदिर बनाये जाने को लेकर सियासत गर्म है। इसे लेकर एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्यीन ओवैसी ने प्रधानमंत्री को संविधान ट्वीट कर हमला बोला है।
Sir @PMOIndia https://t.co/HCeC9QcfW9 pic.twitter.com/6SMJXw3q1N
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) February 17, 2020
ओवैसी ने इस ट्वीट के जरिए इशारों ही इशारों में ट्रेन की एक सीट को शिव मंदिर में बदलने पर आपत्ति जताई। एआईएमआईएम चीफ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह बताने की कोशिश की कि संविधान इस बात की घोषणा करता है कि भारत एक, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक और गणतंत्र राष्ट्र है। रेलवे का यह कदम ’संविधान की आत्मा’ कहे जाने वाले प्रस्तावना के खिलाफ है।
महाकाल के लिए रिजर्व है सीट
महाकाल एक्सप्रेस की बोगी नंबर बी-5 में सीट नंबर 64 भगवान महाकाल(शिव) के लिए आरक्षित रहेगी. इस ट्रेन की एक सीट छोटे मंदिर के तौर पर तब्दील कर दी गई है. रविवार को चंदौली के पड़ाव से रिमोट के जरिए प्रधानमंत्री मोदी ने इस ट्रेन को रवाना किया था।
वाराणसी से इंदौर के बीच 20 फरवरी से चलाई जाने वाली काशी-महाकाल एक्सप्रेस में आठ अलग-अलग तीर्थस्थलों के लिए पैकेज भी होगा। वाराणसी, अयोध्या, प्रयागराज, इंदौर, उज्जैन, भोपाल के धार्मिक व पर्यटन स्थलों के लिए आईआरसीटीसी ने एक पैकेज भी तैयार किया है।
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