अमित शाह ने किया संस्कृति पर्व पत्रिका के विशेषांक “भारत 1946-2020, नोआखाली से दिल्ली तक” के ई-संस्करण का लोकार्पण

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज वीडिओ काफ्रेंसिंग के द्वारा संस्कृति पर्व पत्रिका के विशेषांक “भारत 1946-2020, नोआखाली से दिल्ली तक’’ के ई-संस्करण का लोकार्पण किया। पत्रिका संस्कृति पर्व के विशेषांक “नोआखाली से दिल्ली तक” में भारत रत्न महामना श्री मदन मोहन मालवीय जी का अंतिम वक्तव्य, जो 1946 के कल्याण विशेषांक में छपा था, उसे पुनः प्रकाशित किया जा रहा है।

इस मौके पर उन्होंने कहा कि धर्म, अध्यात्म और दर्शन के साथ साथ अपने वास्तविक इतिहास की स्थापना बहुत जरूरी है और संस्कृति पर्व पत्रिका इस लक्ष्य की दिशा में काम कर रही है। संस्कृति पर्व पत्रिका भारतीय संस्कृति, दर्शन, साहित्य एवं अध्यात्म के विषयों पर केन्द्रित है, और इसका प्रकाशन पिछले दो वर्षों से हो रहा है । अभी तक प्रकाशित अंकों से अलग हट कर संस्कृति पर्व के इस विशेष अंक को प्रकाशित किया गया है । देश मे विगत कुछ महीनों में ऐसी घटनाएं हुई हैं जिनके कारण यह विशेषांक विशेष वाचनीय है।

शाह ने यह भी कहा कि यह अत्यंत हर्ष की बात है कि भाईजी हनुमान प्रसाद पोद्दार ने जिस तरह गीता प्रेस से कल्याण का प्रकाशन किया उसी तरह संस्कृति पर्व उनकी जैसी विचार शैली और आध्यात्मिक पत्रकारिता को आगे बढ़ा रहा है। गीता प्रेस के योगदान की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि गीताप्रेस शब्द जेहन में आते ही एक तस्वीर उभर कर सामने आती है, और मानस को भारतीयता से भर देती है। भारत वर्ष की महान प्राचीन गौरवशाली परम्परा और आधार ग्रंथो के बारे में यदि पूरी दुनिया को आज कोई भी जानकारी मिल सकती है, तो यह इस महान संस्था की ही देन है।

उनका कहना था कि रामचरित मानस और श्रीमद्भगवतगीता जैसे ग्रन्थ जनमानस को उपलब्ध कराने में गीता प्रेस की महत्वपूर्ण भूमिका है।