रेलवे ने बिहार सहित 6 राज्यों में 5.5 लाख श्रम दिवस का किया सृजन, प्रवासी मजदूरों के लिए जुटाये गये कार्य अवसर

भारतीय रेलवे ने बिहार सहित 6 राज्यों में 5.5 लाख श्रम दिवस का सृजन किया। इसमें बिहार झारखंड, मध्य प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश शामिल हैं। ये श्रम दिवस गरीब कल्याण रोज़गार अभियान के तहत हैं।

1336.84 करोड़ रुपये का भुगतान जारी

रेल, वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल इन परियोजनाओं में हुई प्रगति और इस योजना के तहत इन राज्यों के प्रवासी मजदूरों के लिए जुटाए गए कार्य के अवसरों के बारे में नजदीकी निगरानी कर रहे हैं। इन राज्यों में 2,988 करोड़ रुपये की लागत की लगभग 165 रेलवे बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का निष्पादन किया जा रहा है। 14 अगस्त, 2020 तक, 11296 श्रमिक इस अभियान में शामिल किए गए हैं और लागू की जा रही इन परियोजनाओं के लिए ठेकेदारों को 1336.84 करोड़ रुपये का भुगतान जारी किया गया है।

रेलवे ने प्रत्येक जिले के साथ-साथ इन राज्यों में भी नोडल अधिकारी नियुक्त किए हैं ताकि राज्य सरकार के साथ नजदीकी समन्वय स्थापित हो सके। रेल, वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने जोनल स्तर पर रेलवे प्रशासन को निर्देश दिया है कि इन परियोजनाओं में प्रवासियों को काम पर लगाना और तदनुसार भुगतान सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय रूप से कार्य करें।

रेलवे ने इस योजना के तहत किए जाने वाले कार्यों की संख्या की पहचान की है ये कार्य लेवल क्रासिंग के लिए पहुंच सड़कों का निर्माण और रखरखाव सिल्टेड जलमार्ग, खाइयों और नालों का विकास और सफाईरेलवे स्टेशनों के लिए पहुंच सड़क निर्माण और रखरखाव मौजूदा रेलवे तटबंधों / कटिंग की मरम्मत और चौड़ीकरण रेलवे की भूमि की अंतिम सीमा पर वृक्षारोपण करना और मौजूदा तटबंधों/कटाव / पुलों का संरक्षण से संबंधित हैं।

पीएम ने रखी थी योजना की आधारशिला

आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोविड-19 महामारी द्वारा प्रभावित प्रवासी मजदूरों की बड़ी संख्या में अपने गांवों में वापसी को देखते हुए इन लोगों को सशक्त बनाने और आजीविका के अवसर प्रदान करने के लिए 20 जून, 2020 को गरीब कल्याण रोज़गार अभियान नामक बड़े रोजगार एवं ग्रामीण सार्वजनिक कार्य अभियान की शुरूआत की थी। प्रधानमंत्री ने यह घोषणा की थी कि गरीब कल्याण अभियान के तहत टिकाऊ ग्रामीण बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए 50,000 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जाएगी।

116 जिलों में 25 श्रेणियों के कार्य पर ध्यान केंद्रित

125 दिनों का यह अभियान, मिशन मोड में चलाया जा रहा है और 116 जिलों में 25 श्रेणियों के कार्य पर ध्यान केंद्रित किया गया है। 6 राज्यों बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड और ओडिशा के इन जिलों में प्रवासी मजदूरों की बड़ी संख्या है। इस अभियान के तहत सार्वजनिक कार्य किए जा रहे हैं। जिसमें 50,000 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जा रही है।

12 विभिन्न मंत्रालयों के बीच एक समावेशी प्रयास

यह अभियान ग्रामीण विकास, पंचायती राज, सड़क परिवहन और राजमार्ग, खान, पेयजल और स्वच्छता, पर्यावरण, रेल, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा, सीमा सड़कें, दूरसंचार और कृषि जैसे 12 विभिन्न मंत्रालयों के बीच एक समावेशी प्रयास है ताकि 25 सार्वजनिक बुनियादी ढांचा कार्यों तथा आजीविका के अवसरों में बढ़ोतरी से संबंधित कार्यों को तेजी से लागू किया जा सके।