केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से ताल्लुक रखने वाले उन गैर-मुस्लिमों शरणार्थियों से भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं, जो गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़, हरियाणा तथा पंजाब के 13 जिलों में रह रहे हैं। गृह मंत्रालय ने देश की नागरिकता कानून-1955 और उसके तहत 2009 में बनाए गए नियमों के अंतर्गत इस निर्देश के तत्काल क्रियान्वयन के लिए अधिसूचना जारी की है, जिसके तहत इन गैर मुस्लिम लोगों को भारतीय नागरिकता देने का फैसला किया गया है।
गृह मंत्रालय ने कहा कि शरणार्थियों के आवेदन का सत्यापन राज्य के सचिव या जिले के डीएम द्वारा किया जा सकेगा। इसके लिए ऑनलाइन पोर्टल होंगे। इसके अलावा डीएम या राज्य के गृह सचिव केंद्र के नियमों के अनुसार एक ऑनलाइन और लिखित रजिस्टर बनाएंगे, जिसमें भारत के नागरिक के रूप में शरणार्थियों के पंजीकरण की जानकारी होगी. इसकी एक प्रति सात दिनों के अंदर केंद्र सरकार को भेजनी होगी।
मालूम हो कि केंद्र सरकार ने 2019 में अमल में आए नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के तहत अभी नियम-कायदे तय नहीं किए हैं। इस कानून का देश के कई हिस्सों में जबरदस्त विरोध हुआ था। अब केंद्र सरकार ने 28 मई को इससे संबंधित आवेदन आमंत्रित किया है।
नागरिकता का प्रमाण पत्र देने का निर्णय
गृह मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है, नागरिकता कानून-1955 की धारा-16 में दिए गए अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए केंद्र सरकार ने पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों को धारा-5 के तहत भारतीय नागरिक के तौर पर पंजीकृत करने या धारा-6 के अंतर्गत भारतीय नागरिकता का प्रमाणपत्र देने का फैसला किया है।
इसके तरह मोरबी, राजकोट, पाटन, वडोडरा (गुजरात), दुर्ग और बलोदाबाजार (छत्तीसगढ़), जालौर, उदयपुर, पाली, बाड़मेर, सिरोही (राजस्थान), फरीदाबाद (हरियाणा) तथा जालंधर (पंजाब) में रह रहे पाकिस्तान, अफगानिस्तान व बांग्लादेश के गैर-मुस्लिम इसके तहत भारतीय नागरिकता के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के पात्र हैं।’
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