सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जस्टिस अरुण कुमार मिश्रा राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के नए अध्यक्ष होंगे। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली उच्चस्तरीय नियुक्ति समिति ने सोमवार को एनएचआरसी के नए चेयरमैन की नियुक्ति पर मुहर लगा दी। इसके साथ ही महेश मित्तल कुमार और डा.राजीव जैन को आयोग का सदस्य नियुक्त किए जाने की भी मंजूरी दे दी गई है। हालांकि समिति में शामिल राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने एससी-एसटी समुदाय के प्रतिनिधि को मानवाधिकार आयोग का सदस्य नहीं बनाए जाने पर एतराज जताते हुए बैठक में अपनी असहमति जताई।
गौरतलब है कि जस्टिस एचएल दत्तू के पिछले साल दिसंबर में रिटायर होने के राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का अध्यक्ष पद बीते छह माह से खाली था।
इसीलिए आयोग के पूर्णकालिक अध्यक्ष और दो सदस्यों के चयन के लिए पांच सदस्यीय उच्चस्तरीय पैनल की सोमवार को बैठक हुई जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, राज्यसभा में नेता विपक्ष खड़गे और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नरायण सिंह शामिल थे। ऐसा समझा जा रहा है कि खड़गे ने जस्टिस अरुण कुमार मिश्रा और बाकी दोनों सदस्यों के नामों पर तो कोई आपत्ति नहीं की। लेकिन आयोग के सदस्यों की नियुक्ति की सरकारी प्रक्रिया पर सवाल उठाया।
एससी-एसटी वर्ग से आयोग का सदस्य न बनाए जाने पर खड़गे ने किया सवाल, जताई असहमति
खड़गे ने कहा कि मानवाधिकार आयोग में अनुसूचित जाति और जनजाति तथा अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न और अधिकारों के हनन की सबसे ज्यादा शिकायतें आती हैं। इसीलिए इस समुदाय को आयोग में सदस्य के तौर पर पर नियुक्त किया जाना चाहिए। इस पर सरकार की तरफ से कहा गया कि नियुक्ति की मौजूदा व्यवस्था में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। खड़गे ने तब ऐसा प्रावधान किए जाने पर जोर देते हुए नियुक्ति की प्रक्रिया को लेकर अपनी असहमति का नोट दर्ज कराया। एनएचआरसी के अध्यक्ष के तौर पर जस्टिस मिश्रा का कार्यकाल पांच वर्ष का होगा। जस्टिस मिश्रा पिछले साल सितंबर में ही सुप्रीम कोर्ट से रिटायर हुए थे। आयोग के सदस्य नियुक्त किए गए जस्टिस महेश मित्तल कुमार जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट के रिटायर चीफ जस्टिस हैं। जबकि 1980 बैच के आइपीएस अधिकारी रहे डा.राजीव जैन खुफिया एजेंसी आइबी के निदेशक पद से रिटायर हुए थे।
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