वित्त मंत्रालय ने क्रिप्टो करेंसी की ट्रेडिंग करने वाले 9 प्लैटफ़ॉर्म का कारोबार भारत में ग़ैरक़ानूनी किया घोषित

वित्त मंत्रालय ने क्रिप्टो करेंसी की ट्रेडिंग करने वाले 9 प्लैटफ़ॉर्म का कारोबार भारत में ग़ैरक़ानूनी घोषित कर दिया ह। वित्त मंत्रालय ने इसके आलावा भारतीय नागरिकों को क्रिप्टो करेंसी से जुड़े निवेशों को लेकर सतर्क रहने की सलाह भी दी है। इसके पहले भी कई बार केंद्र सरकार ने क्रिप्टो करेंसी को लेकर चेतावनियां जारी की हैं और कई बार तो इसका पाबंदी भी की गई है। इस नए कदम से क्या-क्या बदलाव आएँगे, यह समय ही बताएगा।

क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग वाले 9 प्लेटफॉर्म की गतिविधि भारत में गैरकानूनी घोषित कर दी गई है. साथ ही इनके URL को ब्लॉक करने के लिए मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रोनिक एंड इन्फॉर्मेशन टेक्लोलॉजी (MeitY) को चिट्ठी लिखी गई है. एक रिपोर्ट के अनुसार फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट (FIU),जो वित्त मंत्रालय के दायरे में आती है, ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत 9 ऑफशोर क्रिप्टोकरेंसी प्लेटफार्म्स को कारण बताओ नोटिस जारी किया है

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस प्रस्ताव के पूर्ण अभियान के तहत स्पष्ट किया जा सकता है कि बिटकॉइन और अन्य डिजिटल करेंसीज पर भारत सरकार का क्या रुख रहेगा। इसके लिए जुगाड़ की गई एफ्आईयू की अध्यक्ष नीरा गुप्ता ने साझा किए गए वेबिनार से स्पष्ट किया गया कि ट्रेडिंग प्लेटफॉर्मों जैसे Binance, Kucoin, Bittrex, Bitfinex, Huobi और अन्य वर्चुअल डिजिटल एसेट प्लेटफॉर्म के सक्रिय उपयोग के फलस्वरूप ही भारतीय बिटकॉइन मार्केट की रातोंरात बहुत होगी। उन्होंने इस बात को साफ कर दिया है कि इन प्लेटफॉर्म्स के प्रयोग में अवैधता एवं कानूनी अनुपालन नहीं किया जाता एवं इसीलिए सरकार द्वारा उन्हें नोटिस देने का फैसला किया गया है। इस प्रकार के प्रवाह और संकेत दिखाने पर सरकार ने एक ऐसे मिट्टी का बनावट साफ कर दी है, जिसमें अनुपालन गतिविधि-आधारित है और इसमें भारत में भौतिक उपस्थिति की आवश्यकता नहीं है।

रजिस्ट्रेशन से गुजरना अनिवार्य

यह विषय डिजिटल एसेट सर्विस प्रोवाइडर के लिए पंजीकरण की आवश्यकता पर है, जो भारत के अंदर या बाहर काम कर रहे हैं और डिजिटल एसेट्स और ट्रेडिशनल करेंसी के बीच रूपांतरण, डिजिटल एसेट को ट्रांसफर करना, डिजिटल एसेट की सुरक्षा या प्रबंधन, या डिजिटल एसेट पर नियंत्रण प्रदान करने वाले उपकरणों का उपयोग करते हैं।

सरकार ने मार्च में वर्चुअल डिजिटल एसेट सर्विसेज प्रोवाइडर्स को एंटी मनी लॉन्ड्रिंग/काउंटर फाइनेंसिंग ऑफ टेररिज्म (एएमएल-सीएफटी) ढांचे में शामिल करने का फैसला किया है और 31 वीडीए एसपी ने एफआईयू के साथ पंजीकरण कराया है।