दिल्ली AIIMS से डिस्चार्ज हुए लालू यादव, शिफ्ट हुए अस्पताल से मीसा भारती के घर

दिल्ली AIIMS से डिस्चार्ज हुए लालू यादव। शुक्रवार दोपहर जमानत मिलने के बाद करीब 3 साल बाद लालू  ने जेल के बहार खुली हवा में सांस ली । अस्पताल से मीसा भारती के घर शिफ्ट हुए है। बतादें कि लालू के रिहा होने के बाद उन्हें राज्यसभा सांसद बेटी मीसा भारती के दिल्ली स्थित सरकारी आवास पर रखने की व्यवस्था पूरी कर ली गई है। एम्स में 25 जनवरी से लालू का इलाज चल रहा है। परिवार ने बताया कि अभी राजद प्रमुख को पटना नहीं भेजा जाएगा। उनकी तबीयत लगातार खराब रही है और कोरोना की स्थिति को देखते हुए कोई जोखिम नहीं उठाया जा सकता है।

परिवार का कहना है कि दिल्ली में चिकित्सा व्यवस्था बेहतर है। लालू को डॉक्टर की देख-रेख में रहना है। ऐसे में दिल्ली ही उनके लिए बेहतर है। कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए डॉक्टरों की सलाह पर डिस्चार्ज हुए लालू।अभी डॉक्टरों की निगरानी में ही रहेंगे।

इन शर्तों के साथ  18 अप्रैल को मिली जमानत

चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता लालू दुमका कोषागार से जुड़े मामले में 19 मार्च 2018 से सजा काट रहे थे। लालू यादव को चारा घोटाले से जुड़े मामले में 18 अप्रैल को झारखंड हाईकोर्ट से जमानत मिली है। कोर्ट ने दो शर्तें रखी हैं। पहली- जमानत के दौरान लालू हाईकोर्ट से परमिशन लिए बिना देश से बाहर नहीं जाएंगे। दूसरी- वे अपना मोबाइल नंबर और पता भी नहीं बदलेंगे। गौरतलब है कि झारखंड हाईकोर्ट ने बीते 17 अप्रैल को उक्त मामले में जमानत की सुविधा प्रदान की थी, किन्तु वकीलों के काम नहीं किए जाने के कारण बेल बॉड नहीं भरा जा सका था।

बार काउंसिल ऑफ इंडिया के आदेश के बाद गुरुवार को लालू प्रसाद के पैरवीकार अधिवक्ता ने दो निजी मुचलके दाखिल किए, जिसे कोर्ट ने  सही पाकर बिरसा मुंडा केन्द्रीय कारा होटवार के जेल अधीक्षक को भेज दिया। साथ ही लालू प्रसाद को जेल से छोड़ने का आदेश जारी किया।

इस मामले में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत ने लालू प्रसाद को दो धाराओं में सात-सात साल की सजा सुनायी थी। कोर्ट ने दोनों सजा को अलग-अलग काटने का निर्देश दिया था। इसी मामले में लालू प्रसाद जेल में थे।

बता दें कि कोरोना महामारी के कारण स्टेट बार काउंसिल के निर्देश पर अधिवक्तागण अपने-आप को न्यायिक कार्य से अलग रखे हुए थे। बीते 28 अप्रैल को बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने आदेश जारी किया कि वैसे मामले में जिनको ऊपरी अदालत ने जमानत की सुविधा दे दी है।

निचली अदालत में बेल बॉन्ड भरने की अनुमति दी  जाती है। अधिवक्ता या अधिवक्ता लिपिक को बेल बॉड भरने की छूट दी जाती है। इसी निर्देश के आलोक में बेल बॉड भरा गया। लालू के अधिवक्ता प्रभात कुमार ने जानकारी दी कि रिलीज ऑर्डर जेल चला गया।

लालू को कब-कब जेल जाना पड़ा?

30 जुलाई 1997: पहली बार लालू यादव को जेल जाना पड़ा। इस दौरान कुल 135 दिन जेल में रहे।
28 अक्टूबर 1998: दूसरी बार जेल गए। 73 दिन बाद बाहर निकले।
5 अप्रैल 2000: तीसरी बार जेल गए। 11 दिन बाद जमानत मिली।
28 नवंबर 2000: आय से अधिक संपत्ति के मामले में एक दिन के लिए जेल गए।
3 अक्टूबर 2013: चारा घोटाले से जुडे़ एक मामले में दोषी साबित होने के बाद जेल गए। 70 दिन बाद बाहर निकले।
23 दिसंबर 2017: चारा घोटाले से जुड़े एक केस में सजा होने के बाद जेल गए। अब जमानत मिली है।

चारा घोटाले के इन 4 मामलों में लालू को सजा सुनाई जा चुकी है

पहला मामला
चाईबासा ट्रेजरी केस
37.7 करोड़ रुपए अवैध निकासी का आरोप
लालू प्रसाद समेत 44 अभियुक्त
मामले में 5 साल की सजा

दूसरा मामला
देवघर ट्रेजरी
84.53 लाख रुपए की अवैध निकासी का आरोप
लालू समेत 38 पर केस
लालू प्रसाद को साढ़े तीन साल की सजा

तीसरा मामला
चाईबासा ट्रेजरी
33.67 करोड़ रुपए की अवैध निकासी का आरोप
लालू प्रसाद समेत 56 आरोपी
5 साल की सजा

चौथा मामला
दुमका ट्रेजरी
3.13 करोड़ रुपए की अवैध निकासी का मामला
दो अलग-अलग धाराओं में 7-7 साल की सजा