नीतीश सरकार किसानों को यास तूफान से नुकसान हुए फसलों पर मुआवजा दे रही है। मालूम हो कि इसके लिए प्रदेश के हजारों किसान आवेदन कर चुके हैं। अब आवेदनों की जांच हो रही है. इस बीच सरकार ने नियम में कुछ बदलाव किए हैं।
अब किसान की खेत में तस्वीर लेना जरूरी नहीं है। इसकी जगह कृषि समन्वयक को शपथ पत्र देना होगा। यास तूफान की वजह से 16 जिलों के 102 प्रखंडों के लाखों किसानों की करीब 73085.77 हेक्टेयर में 33 फीसदी से अधिक फसल को नुकसान पहुंचा था।
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राशि बांटने में तेजी हो इसके लिए कृषि विभाग ने पहले से ही जिलों से आपदा प्रबंधन एडीएम की लिस्ट तक मांगी है। एडीएम जब मुहर लगेंगे तभी राशि किसानों को मिलेगी। जांच के वक्त किसानों को पराली प्रबंधन के लिए भी प्रेरित तक किया जाएगा। नियम में हुए नए बदलाव के तहत बटाईदारों की जांच कृषि समन्वयक और किसान सलाहकार संयुक्त रूप से करेंगे। कृषि समन्वयक हर हाल में बीस दिन में आवेदन की जांच करेंगे। इसके बाद स्वीकृत आवेदन 20 दिन के अंदर जिला कृषि पदाधिकारी को भेजने होंगे।
12 सितंबर तक करें आवेदन
प्रदेश सरकार ने कृषि इनपुट अनुदान योजना का लाभ लेने के लिए किसानों से 12 सितंबर तक आवेदन मांगे हैं। मुआवजा सभी पंजीकृत रैयत और गैर रैयत किसानों को दिया जाएगा। क्षतिपूर्ति के रूप में किसानों को कम से कम 1000 रुपए दिए जाएंगे। असिंचित फसल क्षेत्र के लिए 6,800 रुपए, सिंचित क्षेत्र के लिए 13,500 , शाश्वत फसल (गन्ना आदि सहित) के लिए 18 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर का मुआवजा दिया जायेगा।
योजना के लाभ के लिए किसान ऐसे करें आवेदन
अगर आप तूफान प्रभावित किसान हैं तो योजना के लाभ के लिए आपको पहले आवेदन करना होगा। किसी तरह की कोई दिक्कत ना हो इसके लिए कृषि विभाग ने हेल्पलाइन बनायी है। किसान टोल फ्री नंबर 1800180155 पर फोन कर सकते हैं या जिला कृषि पदाधिकारी से मदद ले सकते हैं। आवेदन के बिहार कृषि विभाग की वेबसाइट पर लिंक दिया गया है। किस जिला के किस प्रखंड और पंचायतों के किसान पात्र हैं इसकी सूची भी डीबीटी पोर्टल पर अपलोड कर दी गयी है।
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