एक तो गर्मी की मार दूसरे में बिजली हुई बीमार,पावर कट की समस्याओं के क्या हैं कारण……

बिहार में नेशनल थर्मल पॉवर कॉरपोरेशन की इन यूनिटों कांटी, नवीनगर और बरौनी के बंद होने से बिहार के लोगो को बिजली की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। बीते दिन राज्य को जरूरत से 1500 मेगावाट तक कम बिजली मिली। शहर से लेकर गांव तक घंटों बिजली गुल रही। शहरों में चार से पांच घंटे तो ग्रामीण इलाकों में आठ से 10 घंटे तक बिजली की कटौती की जा रही है।

बिजली वितरण कंपनी एसबीपीडीसीएल-एनबीपीडीसीएल के अधिकारियों के अनुसार एनटीपीसी कांटी की एक यूनिट बंद होने से 133 मेगावाट,नवीनगर की एक यूनिट बंद होने से 525 मेगावाट और बरौनी की तीन यूनिट,यानी यूनिट संख्या सात बंद होने से 110 मेगावाट, यूनिट संख्या छह बंद होने से 93 मेगावाट और यूनिट संख्या आठ बंद होने से बिहार को 230 मेगावाट कम बिजली उपलब्ध हो पा रही है।

इन यूनिटों में अधिकतर के बंद होने का कारण तकनीकी गड़बड़ी का होना है। किसी यूनिट में ट्यूब लिकेज की समस्या तो किसी यूनिट में कुछ और तकनीकी खराबी आ गई है। जिसके कारण बिहार को केंद्रीय कोटा से 1196 मेगावाट कम बिजली मिली। निजी कंपनियों के पास कोयले का संकट उत्पन्न हो गया। इसका असर राज्य में बिजली के उत्पादन पर हुआ। जीएमआर कमलांगा से बिहार को 170 मेगावाट और जिंदल से 128 मेगावाट बिजली कम मिली। इस तरह एनटीपीसी व निजी कंपनियों को मिलाकर बिहार को 1494 मेगावाट बिजली कम मिली।

दो दर्जन से अधिक ग्रिड लोडशेडिंग पर
कोटा से कम बिजली मिलने के कारण दो दर्जन से अधिक ग्रिड को लोडशेडिंग पर रखा गया। आम दिनों में कंपनी 6200 मेगावाट से अधिक बिजली आपूर्ति करती है, लेकिन शुक्रवार को पीक आवर में भी पांच हजार मेगावाट बिजली आपूर्ति हुई। जब तक एनटीपीसी की सभी इकाइयां चालू नहीं हो जातीं, तब तक लोडशेडिंग का सिलसिला यूं ही जारी रहने के आसार हैं। हालांकि एनटीपीसी के अधिकारियों ने दावा किया कि तकनीकी खराबी को दुरुस्त किया जा रहा है और कभी भी यूनिटों से उत्पादन शुरू हो सकता है।

लोडशेडिंग के बीच ग्रामीण इलाकों में जहां पांच से सात घंटे तक बिजली गुल रही, वहीं शहरी इलाकों में चार-पांच घंटे की बिजली गुल के अलावा ट्रिपिंग की समस्या से लोगो को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। दिन की तुलना में रात में ट्रिपिंग की समस्या अधिक हो रही है। हर घंटे-दो घंटे पर बिजली की आवाजाही से लोग काफी परेशान हो गए है । बार-बार फ्यूज कॉल के उड़ने से लोग अंधेरे में रहने को मजबूर है। गर्मी में बिजली की आंखमिचौली से लोगों की नींद तक छीन लिया है। गर्मी में एसी व अन्य उपकरणों के चलने से ट्रांसफॉर्मर पर लोड बढ़ गया है। इस कारण ट्रिपिंग की समस्या बढ़ गई है।